भुवनेश्वर, 17 मई (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने कुछ अपराधियों और संदिग्ध पाकिस्तानी एजेंटों को प्री-एक्टिवेटेड सिम का ओटीपी साझा करने के आरोप में तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
खुफिया सूचनाओं के आधार पर एसटीएफ ने पठानी सामंत लेनका (35), सरोज कुमार नायक उर्फ (26) और सौम्या पटनायक (19) को धोखे से दूसरों के नाम से बड़ी संख्या में पूर्व सक्रिय सिम कार्ड खरीदने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत में कुछ पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ) और आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) के एजेंटों को ओटीपी भेजा गया।
पुलिस महानिरीक्षक, एसटीएफ, जे.एन. पंकज ने कहा कि तीनों ने बड़ी संख्या में सक्रिय सिम कार्ड दूसरों के नाम से खरीदे और बड़ी रकम के लिए कुछ पाकिस्तानी खुफिया गुर्गो और आईएसआई एजेंटों सहित विभिन्न ग्राहकों को ओटीपी बेचे।
उन्होंने बताया कि वे एक महिला पीआईओ एजेंट के संपर्क में भी थे, जिसे पिछले साल राजस्थान में सरकारी गोपनीयता अधिनियम/हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पंकज ने कहा, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि में ऑनलाइन बैंक खाते और सोशल मीडिया हैंडल खोलने के लिए ओटीपी का दुरुपयोग किया गया था।
उन्हें संदेह था कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की भारत विरोधी गतिविधियों जैसे जासूसी, आतंकवादियों के साथ संवाद, कट्टरता, भारत विरोधी प्रचार चलाने, सोशल मीडिया पर भारत विरोधी/विभाजनकारी भावनाओं को हवा देने, सेक्सटॉर्शन, हनी-ट्रैपिंग में किया जाएगा।
चूंकि ये खाते भारतीय मोबाइल नंबरों पर पंजीकृत/लिंक हैं, इसलिए लोग उन्हें भरोसेमंद पाएंगे।
हो सकता है कि ओटीपी का इस्तेमाल ईमेल खाते खोलने में भी किया गया हो। उन्होंने कहा कि लोग सोचेंगे कि ये खाते किसी भारतीय के हैं, लेकिन वास्तव में ये पाकिस्तान से संचालित होते हैं।
आईजीपी ने आईएएनएस को बताया, हमने पाया है कि आरोपी ने सभी वित्तीय लेनदेन यूपीआई के माध्यम से किए थे। इसलिए, हमने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से यूपीआई खातों का विवरण प्रदान करने का अनुरोध किया है।
–आईएएनएस
एसजीके