रावलपिंडी, 26 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तानी सेना के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को सेना अधिनियम के तहत “देशद्रोह भड़काने” और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक बयान में यह बात कही गई है।
सेना के मीडिया विंग ने कहा, “मेजर (सेवानिवृत्त) आदिल फारूक राजा और कैप्टन (सेवानिवृत्त) हैदर रजा मेहदी, दोनों पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) के माध्यम से दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई।
“सेवानिवृत्त अधिकारियों को पाकिस्तान सेना अधिनियम, 1952 के तहत, कर्तव्यों के निर्वहन से सेना के कर्मियों के बीच राजद्रोह भड़काने और जासूसी से संबंधित आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के प्रावधानों के उल्लंघन और राज्य की सुरक्षा और हित के प्रतिकूल कृत्यों के आरोप में सजा सुनाई गई है।”
बयान में कहा गया है कि सक्षम क्षेत्राधिकार की अदालत ने उचित न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से 7 अक्टूबर और 9 अक्टूबर 2023 को दोनों व्यक्तियों को क्रमशः दोषी ठहराया और फैसला सुनाया।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मेजर (सेवानिवृत्त) राजा को 14 साल की सश्रम कारावास की सजा दी गई है, जबकि कैप्टन (सेवानिवृत्त) मेहदी को 12 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।
आईएसपीआर ने कहा, “सजा के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को दोनों अधिकारियों की रैंक जब्त कर ली गई है।”
कोर्ट-मार्शल किए गए दोनों पूर्व सैनिक इस समय पाकिस्तान से बाहर हैं।
वरिष्ठ पत्रकार मजहर अब्बास ने कहा कि दोनों दोषी अधिकारियों के बारे में सोशल मीडिया के जरिए जनता को बताया गया।
अब्बास ने कहा, “यदि आप उनके वीलॉग देखें, तो उन्होंने पाकिस्तानी सेना के बारे में बात की, और विशेष रूप से 9 मई के बाद के वीलॉग में प्रतिष्ठान को निशाना बनाया।”
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि यह उन लोगों के मुकदमे की शुरुआत है जिन्हें 9 मई के बाद सैन्य अदालतों में दोषी ठहराया गया था।
–आईएएनएस
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