मुंबई, 19 जनवरी (आईएएनएस)। 36वें टोक्यो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘सुमो दीदी’ के प्रीमियर को मिली सफलता के बाद अब इसे 35वें पाम स्प्रिंग्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया।
फिल्म की अलग कहानी भारत की एकमात्र महिला सूमो पहलवान हेतल दवे के जीवन से प्रेरित है और यह भूमिका श्रीयम भगनानी ने निभाई है।
पाम स्प्रिंग्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इसने न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, बल्कि अब यह प्रतिष्ठित ‘बेस्ट ऑफ फेस्ट’ सूची में शामिल होने वाली दुनिया भर की शीर्ष 30 फिल्मों में से एक है।
‘सुमो दीदी’ जापान में शूट की गई भारत की कुछ फिल्मों में से एक है और यह एक दलित महिला की कहानी है जो सभी बाधाओं के खिलाफ जीत हासिल करती है। फिल्म का विषय महिलाओं के वस्तुकरण के बारे में भी बात करता है और ‘फैट शेमिंग’ को संबोधित करता है, जो कि दुनिया भर में महिलाओं द्वारा सामना किया जाने वाला पूर्वाग्रह है। दर्शकों को यह पसंद आया है।
जो बात इस फिल्म की सफलता को और भी खास बनाती है, वह यह है कि यह किसी बड़े सितारे के आकर्षण पर निर्भर न रहकर, अभिनेताओं के बेहतरीन अभिनय के दम पर दुनिया भर में सम्मान हासिल कर रही है।
एक भारतीय एथलीट पर आधारित एक अनूठी कहानी और विश्व स्तरीय निर्माण गुण इसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है। ‘सुमो दीदी’ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ईमानदारी से बनाई गई और अच्छी तरह से तैयार की गई फिल्म अलग दिखने और अपने दर्शकों को ढूंढने की क्षमता रखती है।
निर्माता अमित चंद्रा कहते हैं, ”सुमो दीदी के साथ हमारी यात्रा अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद रही है और फिल्म के लिए दर्शकों का प्यार प्रेरणादायक है। फिल्म इसलिए प्रभावशाली है क्योंकि यह खेल और लिंग की सीमाओं को पार कर बाधाओं को तोड़ने की एक शक्तिशाली कहानी प्रस्तुत करती है। हेतल दवे की असाधारण यात्रा, दृढ़ता और महत्वाकांक्षा के सार्वभौमिक विषयों के साथ मिलकर दुनिया भर के दर्शकों को प्रभावित करती है।
जियो स्टूडियोज द्वारा प्रस्तुत, ‘सुमो दीदी’ का निर्माण ज्योति देशपांडे, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रोडक्शन हाउस फ्रेशलाइम फिल्म्स और एमए एंड टीएच एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है। इसका निर्देशन जयंत रोहतगी ने किया है और इसे निखिल सचान ने लिखा है।
–आईएएनएस
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