जयपुर, 2 जून (आईएएनएस)। राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के बीच दो महीने से लगातार चल रहे विवाद को सुलझा लिया है।
पार्टी नेतृत्व अब यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक है और इस बीच सचिन पायलट के एक ट्वीट ने राजनीतिक गलियारों में कयासों को तेज कर दिया है।
पायलट ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो स्टोरी पोस्ट की है, जिसमें वह राज्य की जनता के साथ नजर आ रहे हैं।
उन्होंने वीडियो को कैप्शन दिया, मन में उम्मीद है, दिल में विश्वास है, मजबूत राजस्थान बनाएंगे, जब लोग साथ होंगे।
वीडियो की हर स्लाइड में जहां पायलट नजर आ रहे हैं, वहीं कांग्रेस का कोई अन्य नेता और न ही पार्टी का चुनाव चिन्ह उसमें नजर आ रहा है।
दरअसल, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही पायलट और गहलोत के बीच अच्छे संबंध नहीं रहे हैं। कई मौकों पर पायलट ने अपने लंबित मुद्दों को हल नहीं करने के लिए कांग्रेस के आलाकमान से नाराजगी जताई है।
पार्टी आलाकमान भले ही दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने का दावा कर रहा हो, लेकिन पायलट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस महीने की शुरुआत में अपनी तीन मांगों पर अपना रुख नहीं छोड़ेंगे, जिसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को अल्टीमेटम भी दिया था।
कांग्रेस नेता की मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करना और उसका पुनर्गठन करना, सरकारी नौकरी परीक्षा पेपर लीक से प्रभावित लोगों को मुआवजा और वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच।
हालांकि कांग्रेस नेतृत्व दावा कर रहा है कि पायलट और गहलोत के बीच सब कुछ ठीक है, लेकिन ताजा वीडियो ने कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं।
वीडियो में न तो गहलोत और न ही कोई अन्य कांग्रेस नेता दिखाई दे रहा है, जो इस सवाल को जन्म दे रहा है कि क्या पायलट आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने वाले हैं? क्या अब भी अपनी पार्टी से नाराज हैं पायलट? या अगर चीजों को सुलझा लिया गया है और उन्हें पार्टी आलाकमान द्वारा फ्री हैंड दिया गया है।
–आईएएनएस
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