नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। साल 2022 में एशिया में हैकरों द्वारा सबसे अधिक हमला भारत पर किया गया और विश्व स्तर पर (अमेरिका के बाद) इसका दूसरा स्थान है। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
पिछले साल भारत में साइबर हमलों की संख्या में 24.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एशिया-प्रशांत विश्व स्तर पर सबसे अधिक लक्षित क्षेत्र बना रहा, जहां 2021 में 20.4 प्रतिशत और 2022 में 24.1 प्रतिशत अधिक हमले हुए।
साइबर सुरक्षा फर्म क्लाउडएसईके के आंकड़ों के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र को लक्षित करने वाले हमलों की संख्या में 26.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उत्तरी अमेरिका, एशिया-प्रशांत और यूरोप दोनों वर्ष 2021 और 2022 में सबसे अधिक लक्षित क्षेत्र बने रहे।
हालांकि, उत्तरी अमेरिका ने लक्षित हमलों में गिरावट देखी, लेकिन 2022 में तीसरा सबसे अधिक लक्षित क्षेत्र बना रहा (2021 में दूसरे से नीचे), जबकि यूरोप संभवत: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
क्लाउडएसईके टीआरआईएडी टीम के एक सुरक्षा शोधकर्ता ने कहा, 2022 में परिष्कृत और लक्षित साइबर हमलों में वृद्धि के साथ साइबर अपराध में वृद्धि देखी गई। इसका श्रेय भूमिगत गतिविधि में वृद्धि को दिया जा सकता है जिससे दुर्भावनापूर्ण टूल और मैलवेयर की उपयोगिता में वृद्धि हो सकती है।
कई नए रैंसमवेयर ग्रुप्स के उभरने और पुराने लोगों के बने रहने से रैंसमवेयर हमलों में तेजी से वृद्धि हुई है।
शोधकर्ता ने कहा, इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों ने विभिन्न कमजोरियों से ग्रस्त नई तकनीकों के कारण खतरे वाले ठगों का ध्यान खींचा।
रैंसमवेयर हमलों में भारी वृद्धि हुई, जो 2021 में सबसे कम आम (0.3 प्रतिशत) से बढ़कर 2022 में तीसरे सबसे आम (8 प्रतिशत) हो गए।
2022 में कई नए रैंसमवेयर ऑपरेटर सामने आए, जबकि कुछ प्रमुख रैनसमवेयर समूहों ने अपने नए संस्करण (जैसे लॉकबीआईटी 3.0) लॉन्च किए।
2021 में वैश्विक स्तर पर सरकारी क्षेत्र पर हमले 4.1 प्रतिशत थे, जो 2022 में बढ़कर 12.1 प्रतिशत हो गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी और प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स और मीडिया, मनोरंजन और विपणन उद्योगों में हमलों की संख्या में गिरावट देखी गई, लेकिन लक्षित शीर्ष 10 उद्योगों में बने रहे।
–आईएएनएस
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