कोच्चि, 13 फरवरी (आईएएनएस)। पिनाराई विजयन सरकार में कभी सबसे शक्तिशाली नौकरशाह रहे सेवानिवृत्त एम. शिवशंकर सोमवार को मुख्यमंत्री के पसंदीदा प्रोजेक्ट, लाइफ मिशन के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। संयोग से, उन्हें अपनी सेवा के आखिरी दिन जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन बदलाव के लिए उनके अनुरोध पर नई तारीख जारी की गई थी।
इस मामले में केरल सरकार की प्रमुख परियोजना में विदेशी योगदान के नियमों का कथित उल्लंघन शामिल है, इसका उद्देश्य 2018 की विनाशकारी बाढ़ में अपना घर खो चुके गरीबों को घर उपलब्ध कराना है।
त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी में परियोजना संदेह के घेरे में आ गई।
सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश से हाल ही में पूछताछ के बाद शिवशंकर को तलब किया गया है और उसी मामले में दो अन्य आरोपियों के साथ उनसे पूछताछ की गई है।
सीबीआई ने इससे पहले लाइफ मिशन मामले में शिवशंकर सहित शीर्ष सरकारी अधिकारियों से पूछताछ के अलावा यूनिटैक बिल्डर संतोष एपेन को गिरफ्तार किया था।
मामला जून 2020 में सोने की तस्करी का मामला सामने आने के बाद सामने आया था, जिसमें शिवशंकर जेल में बंद थे।
यूएई वाणिज्य दूतावास में कार्यरत स्वप्ना सुरेश और सरिथ को बाद में लाइफ मिशन फंड की हेराफेरी में भी भूमिका मिली।
राज्य सरकार ने तब जांच रोकने के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन इसने याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों से जुड़े मामले में चल रही सीबीआई जांच जारी रहनी चाहिए।
सीबीआई ने तब स्थिति ली थी कि केरल सरकार की एक संस्था की ओर से निर्माण कर रही निजी कंपनी यूनिटैक को निविदा के माध्यम से अनुबंध नहीं मिला था।
परियोजना में 97 अपॉर्टमेंट और एक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण शामिल है, और यह आरोप लगाया गया कि सोने की तस्करी के दोनों आरोपियों ने यूनिटैक के साथ बातचीत की और परियोजना लागत का 30 प्रतिशत कमीशन तय किया। 20 प्रतिशत संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारी और 10 प्रतिशत स्वप्ना सुरेश और अन्य सह-अभियुक्तों को अनुमोदन आदि के लिए।
सीबीआई ने दावा किया कि शिवशंकर ने स्वप्ना सुरेश के साथ यूनिटेक के मालिक संतोष एपेन से उनके कक्ष में मुलाकात की और सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में कथित रूप से तत्कालीन लाइफ मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोस भी मौजूद थे।
–आईएएनएस
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