नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने हालांकि कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आदेश को चुनौती देने के लिए समय मांगे जाने के बाद यह आदेश 16 जून तक प्रभावी नहीं होगा।
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा यूनिटेक ग्रुप और उसके प्रमोटरों के खिलाफ घर खरीदारों की शिकायतों पर दायर विभिन्न एफआईआर के आधार पर ईडी द्वारा 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की गई थी।
जांच एजेंसी ने 2021 में यूनिटेक ग्रुप के संस्थापक रमेश चंद्र, प्रीति चंद्रा और कार्नासाइट ग्रुप के राजेश मलिक को गिरफ्तार किया था।
यह आरोप लगाया गया है कि यूनिटेक लिमिटेड, जहां आरोपी रमेश चंद्र अध्यक्ष हैं, सह-आरोपी अजय चंद्रा और संजय चंद्रा निदेशक हैं, ने आवास परियोजनाओं के लिए घर खरीदारों से धन एकत्र किया। हालांकि, ईडी के मुताबिक, जिस मकसद के लिए रकम इकट्ठी की गई थी, उसका इस्तेमाल नहीं किया गया।
आरोपी व्यक्तियों ने इस राशि को कई अन्य खातों में भेज दिया, एजेंसी ने आरोप लगाया, आरोपी व्यक्तियों ने साइप्रस और केमैन द्वीप समूह में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक स्थानांतरित किए।
ईडी के मुताबिक, आरोपी प्रीती चंद्रा ने अपनी कंपनी प्रकाशौली इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड में 107.40 करोड़ रुपये की कमाई की।
बुधवार को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने अदालत से 16 जून तक आदेश के कार्यान्वयन में देरी करने का आग्रह किया, क्योंकि एजेंसी इस फैसले को चुनौती देने का इरादा रखती है, इस बात पर जोर देते हुए कि आदेश निष्पादित होने पर कोई भी अपील अप्रभावी हो जाएगी।
ईडी के अनुरोध पर जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि आदेश को शुक्रवार तक लागू नहीं किया जाना चाहिए।
–आईएएनएस
एसजीके