कोलकाता, 15 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार को शनिवार को 493 पन्नों का एक पत्र मिला है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) योजना के लिए केंद्रीय धन के उपयोग के बारे में विवरण मांगा गया है।
राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के पत्र में पीएमएवाई योजना में अनियमितताओं के बारे में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के लगाए आरोपों से संबंधित प्रश्न हैं।
पत्र में केंद्रीय मंत्रालय ने कहा है कि उनके अधिकारी राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में पहले भेजे गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि केंद्रीय फंड का पहला राउंड इसी महीने आने वाला है। हालांकि, राज्य पंचायत मामलों और ग्रामीण विकास के एक अधिकारी ने कहा कि नए जांच पत्र के बाद अब यह अनिश्चित है कि पीएमएवाई योजना के तहत केंद्रीय धन का पहला चरण राज्य सरकार के खाते में कब तक पहुंचेगा।
पत्र में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने देश में ग्रामीण सड़कों के विकास के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) योजना के तहत खर्च के विवरण पर भी सवाल पूछे हैं।
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने इस विकास को भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा इन केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्य सरकार को धन से वंचित करने के लिए एक जानबूझकर कदम बताया है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष के मुताबिक, केंद्र सरकार राज्य को वंचित करने के लिए नियमित रूप से नए-नए बहाने का सहारा ले रही है।
उन्होंने कहा, वे पूरे मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। राज्य भाजपा के पत्र झूठे आरोप लगा रहे हैं और उसी के आधार पर केंद्र सरकार फंड रोक रही है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की दो फील्ड निरीक्षण टीमों ने पूर्वी मिदनापुर और मालदा जिलों में पहले ही जांच कर ली है।
इसी मंत्रालय से जुड़े अन्य पांच फील्ड निरीक्षण दल राज्य का दौरा करेंगे और 10 जिलों में स्थिति का जायजा लेंगे।
–आईएएनएस
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