सतना, देशबन्धु। सबको पक्का माकान देने के मकशद से शुरू की गई पीएम आवास योजना सिर्फ और सिर्फ फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों की बली चढ़ती यह योजना नजर आ रही है। हालत यह है कि हितग्राहियों के नाम की राशि भी बकायदा निकाली जा रही है लेकिन वास्तव में मकान आज भी कच्चे हैं।
अगर देखा जाए तो इस तरह के कई मामले हैं लेकिन हम बात कर रहे हैं नागौद विकासखंड की ग्राम पंचायत शिवराजपुर की। बताया गया है कि यहां पर वर्ष 2017 में पीएम आवास हितग्राही बद्री विशाल पिता सुंदरलाल को पीएमआईडी 1613528 के जरिए 1.20 लाख दिया जा चुका है। इतना ही नहीं पोर्टल में घर बना फोटो अपलोड कर दी गई। मगर जमीनी हकीकत यह है कि आज भी उसका कच्चा माकान है।
लगातार कर रहा आवेदन
बताया गया है कि आवास पाने के लिए वह लगातार आवेदन कर रहा है। तीन माह बीत जाने के बाद भी अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब उसके खाते में राशि गई बकायदा फोटो अपलोड की गई तो फिर पात्र हितग्राही का माकान कच्चा क्यों दिख रहा है। कुल मिलाकर कर के इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
किया गया फर्जीवाड़ा
बताया जाता है कि बद्रीविशाल को पीएम आवास की पात्रता थी। ऐसे में उसका खाता नंबर और जरूरी रिकार्ड लिए गए। इसके बाद विभिन्न किश्तों का भुगतान और आहरण होता रहा। कागज में आवास भी चरणबद्ध तरीके से बना। रिकार्ड में यह आवास तो पूरा हो गया, लेकिन मौके पर आज भी कच्चा है।
फरवरी से मार्च के बीत तीन आवेदन
पीएम आवास के लिए हितग्राही ने फरवरी से लेकर मार्च के बीच पीडि़त परिवार ने अब तक तीन आवेदन दिए हैं, इसके बाद भी जिला पंचायत की पीएम आवास सेल शांत बैठी हुई है। यहां जिस प्रकार से धोखाधड़ी बद्रीविशाल से की गई वैसे ही तमाम अन्य लोगों से भी किए जाने की आशंका है। यदि इस मामले की जांच की जाए तो शिवराजपुर पंचायत में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है।
किसने की धोखाधड़ी?
शिवराजपुर के ग्रामीण के साथ हुई धोखाधड़ी का मुख्य किरदार कौन है? क्या इस मामले में पंचायत सचिव, तत्कालीन सरपंच और रोजगार सहायक की भूमिका है? या फिर जनपद में पदस्थ जिम्मेदार इस खेल को अंजाम दिया। फिलहाल जब तक इस मामले की जांच नहीं होती तो कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
इनका कहना है
बद्रीविशाल नाम के चार हितग्राही थी। उन दिनों हो सकता है कि किसी ने तुटि के चलते आगे पीछे कर दिया। चूंकि इस नाम का एक पात्र व्यक्ति आवास प्लस की सूची में है। उसे पहले मिल चुका है, लिहाजा एक्सचेंज में दिया जाएगा।
अशोक मिश्रा, सीईओ जनपद नागौद