नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पंचायतों से जल आपूर्ति प्रबंधन पर एक कार्य योजना तैयार करने का आग्रह किया। जल पर पहले अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ग्राम पंचायतों को अगले पांच वर्षों के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए, जहां जल आपूर्ति से लेकर स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन तक एक रोडमैप पर विचार किया जाना चाहिए।
प्रत्येक ग्राम पंचायत भी एक मासिक या त्रैमासिक रिपोर्ट ऑनलाइन जमा कर सकती है, जिसमें गांव में नल का पानी प्राप्त करने वाले घरों की संख्या बताई गई हो।
उन्होंने आगे कहा कि पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर पानी की जांच की व्यवस्था भी विकसित की जानी चाहिए।
मोदी ने कहा, वाटर विजन एट द रेट 2047 अगले 25 साल की यात्रा का अहम आयाम है। जब जनता किसी अभियान से जुड़ी होती है तो उसे काम की गंभीरता का भी पता चलता है।
प्रधानमंत्री ने सभा को सूचित किया कि प्रति बूंद अधिक फसल अभियान के तहत देश में अब तक 70 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया गया है।
मोदी ने कहा, हमारी नदियां, हमारे जल निकाय पूरे जल पारिस्थितिकी तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन हर घर को पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य का एक प्रमुख विकास पैरामीटर है।
नमामि गंगे मिशन को खाका बनाकर अन्य राज्य भी नदियों के संरक्षण के लिए इसी तरह के अभियान चला सकते हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि जल को सहयोग और समन्वय का विषय बनाना प्रत्येक राज्य का उत्तरदायित्व है।
–आईएएनएस
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