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Home राष्ट्रीय

पीएम मोदी का चेहरा, आक्रामक अभियान पर छत्तीसगढ़ में भाजपा का चुनावी दांव

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October 15, 2023
in राष्ट्रीय
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पीएम मोदी का चेहरा, आक्रामक अभियान पर छत्तीसगढ़ में भाजपा का चुनावी दांव
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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

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भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

–आईएएनएस

एसटीपी/एसकेपी

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

–आईएएनएस

एसटीपी/एसकेपी

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर को 20 सीटों पर और 17 नवंबर को बाकी बची हुई 70 सीटों पर मतदान होना है। उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है।

भाजपा छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अब तक अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है और इन दोनों लिस्ट को मिलाकर भाजपा छत्तीसगढ़ के लिए कुल 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक कर चुकी है।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को अपनाते हुए अपने दिग्गज नेताओं, केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनंदगांव विधान सभा सीट से, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव को लोरमी से और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दिग्गज सांसदों को भी लड़ाई के मैदान में उतार दिया है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री तक को विधायकी के चुनाव में उतार देनी वाली भाजपा ने एक चुनावी रणनीति के तहत इस बार किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया है।

दरअसल, सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी नरेंद्र मोदी का ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इस तरीके से लगा रही है कि वो सभी 90 सीटें कवर कर सके।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को चुनाव में हरा कर सत्ता से बाहर करने के मिशन में जुटी भाजपा ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अधिक से अधिक चुनावी लाभ हासिल करने की योजना बड़े पैमाने पर बना ली है।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों में रैलियां कर राज्य की सभी 90 विधान सभा सीटों के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य पांच संभागों – रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में बंटा हुआ है। रायपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 5 जिले और राज्य की 20 विधान सभा सीटें आती हैं, वहीं बिलासपुर संभाग में 8 जिले और विधान सभा की 24 सीटें, दुर्ग संभाग में 7 जिले 20 सीटें, सरगुजा संभाग में 6 जिले 14 सीटें और बस्तर संभाग में राज्य का 7 जिला और विधान सभा की 12 सीटें आती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भूपेश बघेल के सॉफ्ट हिंदुत्व की काट में आक्रामक चुनाव प्रचार कर मजबूत संगठन के बल पर लोगों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो भाजपा अपने लिए मान कर चल रही है और जिसे जोर-शोर से भाजपा के सारे नेता उठा रहे हैं, वह भ्रष्टाचार का मामला है। भाजपा ने तो बाकायदा छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी कर सीएम बघेल पर अनगिनत घपलों और घोटाले का आरोप लगाया हुआ है जिसे लेकर भाजपा वोटरों के घर-घर जाकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी नेता माने जाते हैं और इसलिए उन्हें हर कीमत पर हराकर भाजपा गांधी परिवार पर दबाव बनाए रखना चाहती है।

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