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Home ताज़ा समाचार

पीएम मोदी की वो 23 योजनाएं, जिन्हें गुजरात के बाद नेशनल लेवल पर भी अपनाया गया

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October 7, 2024
in ताज़ा समाचार
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पीएम मोदी की वो 23 योजनाएं, जिन्हें गुजरात के बाद नेशनल लेवल पर भी अपनाया गया
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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

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गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

एफएम/जीकेटी

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

एफएम/जीकेटी

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

एफएम/जीकेटी

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

एफएम/जीकेटी

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

एफएम/जीकेटी

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास है। पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। आइये जानते हैं पीएम मोदी के उन 23 कामों के बारे में जो उन्होंने गुजरात से शुरू करके नेशनल लेवल पर भी अपनाया।

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए निर्मल गुजरात की नींव रखी थी। इस मुहिम को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

गुजरात में जल मंदिर और अमृत सरोवर पहल की वजह से लगभग 1,200 पारंपरिक जल निकायों का जीर्णोद्धार हो पाया। उन्होंने पीएम बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिशन अमृत सरोवर योजना को शुरू किया, जो 24 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त, 2023 तक चली।

बीआईएसएजी ने योजना, संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करते हुए गुजरात के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर इसी आधार पर गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई ज्योतिग्राम योजना की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की नींव रखी गई।

साथ ही गुजरात की ‘कन्या केलवनी योजना’ के आधार पर देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए चिरंजीवी योजना को शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मातृ वंदना योजना का आगाज किया।

यही नहीं, वाइब्रेंट गुजरात समिट की तर्ज पर देश में मेक इन इंडिया योजना को शुरू किया गया।

इसके साथ ही साबरमती नदी की सफाई योजना की सफलता के बाद गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद पर रहते वर्ष 2005-06 में कृषि महोत्सव का आगाज किया था। इस योजना की सफलता को उन्होंने पीएम बनने के बाद भी कायम किया। इसी के तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज से बाजार, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि की अन्य योजनाओं को शुरू किया गया।

इसके अलावा गुजरात में शुरू किए गए खेल महाकुंभ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया की शुरुआत की गई।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘सुजलाम सुफलाम योजना’ को शुरू किया था, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और जल निकायों का कायाकल्प करना था। इसके आधार पर देश में ‘जल शक्ति अभियान’ (2019) और ‘अटल भूजल योजना’ को शुरू किया गया।

गुजरात में साल 2004 में ‘मिशन कर्म योगी योजना’ की शुरुआत की गई, जिसे बाद में राष्ट्रीय स्तर पर साल 2020 में भी आगे बढ़ाया गया।

गुजरात में ‘सौर ऊर्जा योजना’ को मिली सफलता को नेशनल लेवल पर लाने की कोशिश की गई। 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना’ की शुरुआत की गई।

इसके अलावा ‘गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग’ की स्थापना साल 2009 में की गई थी। बाद में इस योजना को नेशनल लेवल पर लागू किया गया।

गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना से किसानों को हुए लाभ के बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना को लागू किया।

उत्तराखंड की बाढ़ के दौरान नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावित राज्य की मदद की थी। उन्होंने पीएम बनने के बाद इस नीति को नेशनल लेवल पर अपनाया। दुनिया भर में किसी भी आपदा या बचाव अभियान में भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया।

साल 2009 में ‘गुजरात कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी 2015 में ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ की शुरुआत की।

यही नहीं, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो वह छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत बात करते थे। बाद में उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर भी करना जारी रखा।

गुजरात में साल 2003 में शुरू हुई ‘ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कायाकल्प किया था। इसी की तर्ज पर पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत ‘ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना’ को देशभर में लागू किया।

इसके साथ ही गुजरात में शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री गृह योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम आवास योजना’ का रूप दिया गया। मुख्यमंत्री गृह योजना गुजरात में 18 जुलाई 2013 को शुरू की गई थी, जिसे नेशनल लेवल पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण’ के जरिए आगे बढ़ाया गया।

गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘स्वजल धारा योजना’ का शुभारंभ किया था। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर ‘हर घर नल जल’ योजना शुरू की गई।

साल 2012 में चिकित्सा उपचार और बीमारी की लागत से गरीब नागरिकों को बचाने के लिए साल 2012 में ‘मुख्यमंत्री अमृतम योजना’ शुरू की गई थी, जिसे बाद में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के रूप में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने साल 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्वागत योजना’ की शुरुआत की थी। बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन)’ का शुभारंभ किया।

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