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Home राष्ट्रीय

पीएम मोदी के कार्यकाल में नालंदा विश्वविद्यालय का काम तेजी से हुआ : नीतीश कुमार

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June 19, 2024
in राष्ट्रीय
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पीएम मोदी के कार्यकाल में नालंदा विश्वविद्यालय का काम तेजी से हुआ : नीतीश कुमार
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बिहारशरीफ, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्‌घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत 17 देशों के मिशन प्रमुख भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम

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बिहारशरीफ, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्‌घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत 17 देशों के मिशन प्रमुख भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम

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बिहारशरीफ, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्‌घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत 17 देशों के मिशन प्रमुख भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

–आईएएनएस

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

–आईएएनएस

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बिहारशरीफ, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्‌घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत 17 देशों के मिशन प्रमुख भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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बिहारशरीफ, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्‌घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत 17 देशों के मिशन प्रमुख भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

–आईएएनएस

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बिहारशरीफ, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्‌घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत 17 देशों के मिशन प्रमुख भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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बिहारशरीफ, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्‌घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत 17 देशों के मिशन प्रमुख भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। वे पहली बार राजगीर पधारे हैं। पुराने समय में आसपास के 20-25 किलोमीटर तक के गांव यहां से जुड़े रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली था। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे, तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उसी समय से हम लोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। लेकिन, किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया। वर्तमान में यहां 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस उदघाटन समारोह में पधारने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके आने से हमें बहुत खुशी हुई है। केंद्र सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है और काम को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भरोसा भी दिया कि इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम लोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।

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