तिरुवल्लूर, 15 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय रेलवे, सूचना और प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के महत्वपूर्ण विकास पर हमें गर्व है।
उन्होंने राज्य सरकार के साथ मिलकर भारत को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनाने में तमिलनाडु के योगदान को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने न केवल भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है, बल्कि राज्य की नीतियां और समर्थन इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उद्योगों के क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में सहायक रहे हैं।
श्रीपेरंबदूर में जेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक्स के एक विनिर्माण कारखाने के उद्घाटन में भाग लेते हुए वैष्णव ने कहा कि मुझे यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के महत्वपूर्ण विकास पर गर्व महसूस करते हैं। उनके कार्यकाल के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स दूसरा सबसे बड़ा निर्यात आइटम बन गया है, जो तेजी से बढ़ रहा है और हमें इसमें पर्याप्त प्रगति हासिल हुई है। मुझे दो नए विनिर्माण क्लस्टरों की स्थापना की घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है एक पिल्लई पक्कम में और दूसरा मनालूर में होगा। जिसमें कुल 1,112 करोड़ का निवेश होगा।
केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि श्रीपेरंबदूर के पास पिल्लयारपक्कम और मनालूर में 1,112 करोड़ की इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
वैष्णव ने प्रदेश के लिए 6,000 करोड़ के रेल बजट आवंटन की घोषणा की। यह राशि राज्य में रेलवे नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए उपयोग की जाएगी, ताकि यात्रीयों की सुविधा में सुधार हो सके।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लिए रेलवे बजट को 879 करोड़ से बढ़ाकर 6,626 करोड़ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, 77 अमृत रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड किया जा रहा है और 715 उच्च-स्तरीय पुलों पर काम चल रहा है। तमिलनाडु में आठ वंदे भारत ट्रेनें भी चल रही हैं।
तमिल को ‘मीठी’ भाषा बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह हमारे देश की संपत्तियों में से एक है और यह दुनिया की संपत्तियों में से भी एक है, हमें इस पर गर्व करना चाहिए। हमें इसका आनंद लेना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा सुनिश्चित किया है कि हर भारतीय भाषा को उसका उचित सम्मान मिले।
अपने भाषण की शुरुआत में तमिल भाषा में पारंपरिक ‘वणक्कम’ (नमस्ते) के साथ श्रोताओं का अभिवादन करते हुए वैष्णव ने कहा, “तमिल एक बहुत ही मधुर भाषा है। मैं केवल तीन शब्द जानता हूं – वणक्कम, एप्पाडी इरुकेंगा (आप कैसे हैं) और नांद्री (धन्यवाद)।”
वैष्णव ने कहा कि वह भाग्यशाली थे क्योंकि उन्हें आईआईटी कानपुर में अपनी पढ़ाई के दौरान सदगोपन नाम का एक प्रोफेसर मिला, जिसने उन्हें तमिल भाषा के बारे में सिखाया।
उन्होंने कहा, “सदगोपन ने मुझे तमिल भाषा से परिचित कराया और उत्तर भारत में तमिल को आम तौर पर मसाला डोसा के नाम से जाना जाता है? उन्होंने मुझे तमिल संस्कृति के कई पहलू सिखाए। यह एक बहुत प्राचीन संस्कृति है। हम सभी को तमिल संस्कृति का और तमिल भाषा का सम्मान करना चाहिए।”
–आईएएनएस
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