भावनगर, 20 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में समुद्री क्षेत्र (मैरीटाइम सेक्टर) में कई बड़े ऐलानों की झड़ी लगा दी। उन्होंने हजारों करोड़ रुपये के शिपिंग और पोर्ट प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन किया, साथ ही भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, मनसुख मांडविया, सीआर पाटिल, शांतनु ठाकुर समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल भावनगर का नहीं, बल्कि पूरे भारत का है, जो समुद्र से समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कोई बाहरी ताकत नहीं, बल्कि दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता है। उन्होंने कहा, “100 दुखों की एक ही दवाई है, आत्मनिर्भर भारत।” पीएम ने विदेशी निर्भरता को खत्म करने और हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत की क्षमताओं को नजरअंदाज किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों ने भारत के शिपिंग सेक्टर को बर्बाद कर दिया, जिससे भारत का 95 प्रतिशत समुद्री व्यापार विदेशी जहाजों पर निर्भर हो गया।
पीएम मोदी ने बताया कि भारत हर साल करीब 6 लाख करोड़ रुपये विदेशी शिपिंग कंपनियों को किराये के रूप में देता है, जो देश के डिफेंस बजट के बराबर है। उन्होंने कहा कि अब सरकार बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दे रही है, जिससे शिपिंग कंपनियों को बैंक लोन और अन्य वित्तीय सुविधाएं मिल सकेंगी।
सरकार तीन नई योजनाओं पर भी काम कर रही है, जिनसे शिप बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा। इन योजनाओं पर अगले कुछ वर्षों में 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत सदियों से समुद्री शक्ति रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत की इस खोई हुई विरासत को फिर से स्थापित किया जाए। उन्होंने आईएनएस विक्रांत और स्वदेशी पनडुब्बियों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में शिप बनाने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि लोथल में दुनिया का सबसे बड़ा मैरीटाइम म्यूज़ियम बनाया जा रहा है, जो भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाएगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में पिछले 11 वर्षों में पोर्ट की क्षमता दोगुनी हुई है। शिप टर्नअराउंड टाइम दो दिन से घटकर एक दिन से कम हुआ है। देश में बड़े पोर्ट्स बन रहे हैं और सागरमाला जैसी स्कीमों से कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है।
उन्होंने कहा कि शिपबिल्डिंग को “मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज” कहा जाता है, क्योंकि इससे जुड़े सेक्टरों में भी बड़े स्तर पर रोजगार सृजन होता है। शिप इंडस्ट्री की एक जॉब से सप्लाई चेन में 6-7 नई नौकरियां बनती हैं।
पीएम मोदी ने बताया कि भारत अब दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है जो सी-फेरर्स (नाविक) सप्लाई करता है। जहां एक दशक पहले इनकी संख्या 1.25 लाख थी, वहीं अब यह 3 लाख से ज्यादा हो चुकी है।
पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं। उन्होंने दुकानदारों से कहा कि वे अपनी दुकानों पर “गर्व से कहो, यह स्वदेशी है” का पोस्टर लगाएं, जिससे हर उत्सव देश की समृद्धि का पर्व बन जाए।
पीएम ने भावनगर की जनता का आभार जताया और बच्चों द्वारा दिए गए चित्रों को जीवन की सबसे बड़ी पूंजी बताया। उन्होंने कहा कि भावनगर की यह रैली आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत संदेश है।
–आईएएनएस
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