मुंबई, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां सोमवार को कहा कि अगले 10 वर्षों में भारत को ‘वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर’ अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास करना चाहिए और प्रगति व विकास के पथ पर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 90वीं वर्षगांठ समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के सत्ता संभालने के बाद विरासत में मिली गड़बड़ी से देश की अर्थव्यवस्था पिछले वर्षों में ऊपर उठी है और अब उड़ान भरने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है… हमारी नीतियों ने अर्थव्यवस्था में हरित ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, रक्षा जैसे नए क्षेत्र खोले हैं, जो निर्यात मोड में आ रहे हैं, एमएसएमई, अंतरिक्ष और पर्यटन। आरबीआई को युवाओं की आकांक्षाएं पूरी करनी चाहिए और युवाओं की मदद के लिए इन सभी उभरते क्षेत्रों के लिए ‘आउट-ऑफ-द-बॉक्स’ नीतियां विकसित करनी चाहिए।”
यह बताते हुए कि विश्व स्तर पर राष्ट्रों के लिए मुद्रास्फीति नियंत्रण और विकास के बीच संतुलन बनाना एक चुनौती है, पीएम मोदी ने आरबीआई से इसके लिए एक मॉडल का अध्ययन करने और विकसित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों में भारत अपनी ‘वित्तीय स्वतंत्रता’ में सुधार करने का प्रयास करेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक विकास से कम से कम प्रभावित हो, क्योंकि “हम पहले से ही विश्व विकास इंजन बनने की राह पर हैं।”
–आईएएनएस
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