संभल, 19 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल्कि धाम के शिलान्यास का सौभाग्य उन्हें मिला है। विश्वास है कि यह भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा। 18 साल की प्रतीक्षा के बाद यह अवसर आया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अच्छे कार्य उनके लिए ही छोड़ गए हैं। आगे भी जितने अच्छे काम रह गए हैं, उनको भी संतों और जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से हम पूरा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को संभल में श्री कल्कि धाम में मंदिर के शिलान्यास एवं भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विकास और विरासत के मंत्र से आज का भारत विकास पथ पर तेज गति से अग्रसर है। आज हम देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, आज अपनी पहचान पर गर्व और उसकी स्थापना का जो आत्मविश्वास देख रहे हैं, वो प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से मिलती है।
पीएम ने कहा कि हम विकास और विरासत के मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं। आज एक ओर हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है, तो दूसरी ओर शहरों में हाइटेक इनफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो रहा हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले महीने ही देश ने अयोध्या में 500 साल के इंतज़ार को पूरा होते देखा है। रामलला के विराजमान होने का वो अलौकिक अनुभव, वो दिव्य अनुभूति अब भी हमें भावुक कर जाती है। इसी बीच हम देश से सैकड़ों किमी दूर अरब की धरती पर, अबू धाबी में पहले विराट मंदिर के लोकार्पण के साक्षी भी बने हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इसी कालखंड में हमने विश्वनाथ धाम को निखरते देखा है। इसी कालखंड में हम काशी का कायाकल्प देख रहे हैं। इसी दौर में महाकाल के महालोक की महिमा हमने देखी है। हमने सोमनाथ का विकास देखा है, केदार घाटी का पुनर्निर्माण देखा है। हम विकास भी, विरासत भी के मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं। कहा कि संभल में हम जिस अवसर के साक्षी बना रहे हैं यह भारत के सांस्कृतिक नवजागरण का एक और अद्भुत क्षण है।
उन्होंने कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हर किसी के पास कुछ देने को होता है, लेकिन उनके पास नहीं है। इस पर पीएम ने कहा कि प्रमोद जी अच्छा हुआ, कुछ दिया नहीं वरना, जमाना ऐसा बदल गया है कि अगर आज के युग में सुदामा श्री कृष्ण को एक पोटली में चावल देते, तो वीडियो निकल जाती। इसके बाद कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर कर देते। जजमेंट आता कि भगवान कृष्ण को भ्रष्टाचार में कुछ दिया गया और भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार कर रहे थे।
— आईएएनएस
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