नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सरकार के समय के ‘लाइसेंस परमिट राज’ का जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार ने कांग्रेस के लाइसेंस राज से निकलकर ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया।
पीएम मोदी ने कांग्रेस के शासनकाल का जिक्र करते हुए राज्यसभा में पार्टी पर जमकर हमला बोला।
पीएम मोदी ने कहा, ”कांग्रेस के शासनकाल में लाइसेंस कोटा परमिट से लोग परेशान थे। लाइसेंस राज का बोलबाला था। टेलीफोन कनेक्शन लेना काफी मुश्किल था। शादियों में चीनी के लिए भी लाइसेंस लेना पड़ता था। कार खरीदने के लिए भी इंतजार करना पड़ता था। कंप्यूटर खरीदने के लिए लोगों को लाइसेंस लेना पड़ता था। पोलियो वैक्सीन के लिए दशकों का इंतजार करना पड़ता था। लाइसेंस परमिट राज ही कांग्रेस की पहचान बनी।’
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ”कांग्रेस के लाइसेंस राज से निकलकर हमारी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दे रही है। भारत मोबाइल प्रोडक्शन में दुनिया का दूसरा अग्रणी देश बना है। डिफेंस सेक्टर पिछले 10 सालों में 10 गुना बढ़ा है।”
पीएम मोदी ने राज्यसभा में आगे कहा, ”पूरी दुनिया ने भारत में स्टार्ट-अप क्रांति देखी है। ज्यादातर स्टार्ट-अप चलाने वालों में युवा हैं। आज हमारा मिडिल क्लास आत्मविश्वास से भरा है।”
अब एक बार लाइसेंस राज को समझते हैं, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था में भारी-भरकम सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा दिया था, तब नौकरशाही, लाल फीताशाही और केंद्रीकृत नियंत्रण बढ़ गया था और इसके साथ ही कई चीजें भी इसकी वजह से बाधित होती रहती थीं।
‘लाइसेंस राज’, जिसे ‘परमिट राज’ या ‘लाइसेंस-परमिट राज’ के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय अर्थव्यवस्था पर सख्त सरकारी प्रतिबंध और नियंत्रण की एक प्रणाली का नाम था। इसके तहत ऐसे कड़े नियम और प्रतिबंध थे, जिसकी वजह से व्यवसायों को संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक था। यह 1950 के दशक से 1990 के दशक की शुरुआत तक लागू था। इसकी वजह से भारत में व्यवसायों के विकास और आर्थिक विकास पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
भारत में जब अर्थव्यवस्था को उदार बनाने और नियामक ढांचे को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार शुरू किए गए तो उस समय जाकर इस लाइसेंस-परमिट राज का अंत हो पाया।
लाइसेंस-परमिट राज के कारण व्यवसायों को संचालन, माल उत्पादन या व्यवसायों के परिचालन का विस्तार करने के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक था। जबकि, लाइसेंस प्राप्त करना एक बोझिल और समय लेने वाली प्रक्रिया थी, जिसमें अक्सर कई सरकारी एजेंसियों से अनुमोदन कराना पड़ता था।
पीएम मोदी ने इसी का जिक्र राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान किया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में जिस लाइसेंस परमिट राज का जिक्र किया, उसके बारे में कांग्रेस के नेता भी मानते थे कि यह देश के लिए अच्छा नहीं था। ऐसे में सोशल मीडिया पर पी. चिदंबरम और जयराम रमेश के वीडियो शेयर किए जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि कैसे कांग्रेस के नेता भी इस लाइसेंस परमिट राज को देश के लिए सही नहीं मानते थे।
एक वीडियो में कांग्रेस के नेता जयराम रमेश कह रहे हैं कि जिस तरह की हमारी कमजोर अर्थव्यवस्था है, उसकी सेहत के लिए यह लाइसेंस परमिट राज अच्छा नहीं है। इसकी वजह से मेरे पिताजी ने कार खरीदने के लिए 15 साल तक का लंबा इंतजार किया। जयराम रमेश का यह वीडियो तब का है, जब वह सरकार के सलाहकार थे।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का भी इससे जुड़ा एक वीडियो इसके साथ वायरल हो रहा है। जिस समय वह वित्त मंत्री थे और वह तब इस बात को मान रहे हैं कि पूरा सिस्टम इसी के अंदर काम कर रहा था। हर लाइसेंस और परमिट के लिए भ्रष्टाचार होता था, मतलब हर चीज के लिए रिश्वत देना पड़ता था।
–आईएएनएस
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