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पीएम मोदी ने की भारतीय सैनिकों की सराहना, बोले- ‘आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है’

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October 31, 2024
in राष्ट्रीय
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पीएम मोदी ने की भारतीय सैनिकों की सराहना, बोले- ‘आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है’
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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

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इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

–आईएएनएस

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

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कच्छ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के सर क्रीक में लक्की नाला में सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। पीएम मोदी ने देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने इस चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात सैनिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।

उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ सैनिकों का अभिवादन करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक के पास इस पवित्र भूमि पर, आपके साथ दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब मैं आपके साथ दीपावली मनाता हूं, तो दीपावली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम आखिरकार अयोध्या में अपने मंदिर में लौट आए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आप उन क्षेत्रों में सेवा करते हैं, जहां पहाड़ों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जहां भीषण गर्मी और रेगिस्तानी तूफान आपकी सहनशक्ति की परीक्षा लेते हैं। आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को डरा देता है।”

गुजरात के तट की सुरक्षा और भारत विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र हमेशा से ही निशाना रहा है, फिर भी भारत की सेना ने इसकी मजबूती से रक्षा की है। आज, जब हमारी नौसेना यहां है, तो कोई भी दुश्मन सर क्रीक पर नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने सर क्रीक पर अधिकार करने के कूटनीतिक प्रयासों की पिछली चुनौतियों को याद किया, जिसका उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विरोध किया था।

उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प को प्रतिबिंबित करती हैं, न कि हमारे दुश्मनों के शब्दों को।”

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण पर जोर देते हुए रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब स्वदेशी पनडुब्बियां, विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत और तेजस जैसे लड़ाकू जेट बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दशक में हमारे रक्षा निर्यात में तीस गुना वृद्धि हुई है।”

पीएम मोदी ने 5 हजार से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिनका अब आयात नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध के विकास के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बात की और कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी अब निगरानी, ​​खुफिया जानकारी और युद्ध के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। शिकारी ड्रोन हासिल किए जा रहे हैं और स्थानीय स्टार्टअप स्वदेशी ड्रोन का निर्माण कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अक्सर कहता हूं कि एक थल सेना, एक वायुसेना और एक नौसेना है। हालांकि, जब वे संयुक्त अभ्यास करते हैं, तो हम उन्हें 111 के रूप में देखते हैं।”

भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 80 हजार किलोमीटर से अधिक सीमा सड़कों का निर्माण किया गया है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अटल सुरंग जैसी रणनीतिक सुरंगों का भी निर्माण किया गया है।

उन्होंने क्षेत्र में मैंग्रोव वन और आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना साझा करते हुए कहा, “हमने इन क्षेत्रों को अंतिम नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के ‘पहले गांवों’ के रूप में पुनर्परिभाषित किया है। हमारा लक्ष्य इन्हें जीवंत पर्यटन क्षेत्रों में बदलना है, ठीक वैसे ही जैसे धोर्डो में रण उत्सव है।”

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपने कार्यक्रम का समापन किया।

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