नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर आगे की रणनीति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
जानकारी के मुताबिक, बैठक में पाकिस्तान के कारण सीमावर्ती इलाकों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में आगे की रणनीति और सैन्य तैयारियों पर भी चर्चा की गई।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे। इस दौरान भारत में किसी भी सैन्य और नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।
वहीं, पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत में कई जगहों पर ड्रोन एवं मिसाइलों से हमला कर सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक संरचना को निशाना बनाने की कोशिश की। भारत की जवाबी कार्रवाई में लाहौर स्थित पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो गया और कई रडार ठिकानों को निष्क्रिय कर दिया गया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत में निर्मित ‘लूटिंग म्यूनिशन्स’ ड्रोन का पहली बार युद्ध में प्रयोग हुआ। इन आत्मघाती ड्रोन ने कई सेक्टरों में एक साथ हमले किए। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही हारोप ड्रोन ने भी पाकिस्तान पर जमकर कहर बरपाया है। मूलतः इजराइल के ये ड्रोन अब भारत में ही बनते हैं। इन ड्रोनों ने कराची और लाहौर में दुश्मन के एयर डिफेंस को निशाना बनाया। भारतीय सशस्त्र बलों ने शौर्य और पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान के रडार, ड्रोन, लड़ाकू विमान और सुरक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर दिया।
इस बीच शुक्रवार को कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सेना और सरकार को बधाई देते हुए अपना हरसंभव योगदान देने की बात कही। जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हुई इस मुलाकात में पूर्व सैन्य अधिकारियों के योगदान और मार्गदर्शन को बहुमूल्य बताया। प्रधानमंत्री ने मौजूदा स्थिति पर इन पूर्व सैन्य अधिकारियों और सेना प्रमुखों से गंभीर चर्चा की।
प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले पूर्व सैनिकों में कई ऐसे थे जिन्हें तनावग्रस्त क्षेत्र में तैनाती का अनुभव है। साथ ही उन्होंने सेना में रहते हुए देश की व्यापक सेवा की है। यह बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई और इसमें देश के सामने मौजूदा चुनौतियों पर व्यापक बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने मौजूदा हालात में पूर्व सैन्य दिग्गजों और उनके मार्गदर्शन को उपयोगी बताया है।
–आईएएनएस
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