नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से दुनिया भर के देशों को बड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत को संकट मत मानिए। भारत जब पूरे विश्व में समृद्ध देश था तब भी हमने दुनिया को युद्ध नहीं दिया। भारत के इतिहास को समझिए, हमें संकट मत मानिए।
पीएम मोदी ने भारत के लोगों के साथ-साथ दुनिया के देशों को भी बड़ा संदेश देते हुए कहा कि चुनौतियां हैं, अनगिनत चुनौतियां हैं, चुनौतियां भीतर भी हैं, चुनौतियां बाहर भी हैं और जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, जैसे-जैसे हमारा तवज्जो बढ़ेगा तो चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं। बाहर की चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं और मुझे उसका भलीभांति अंदाज है। लेकिन मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट ले करके नहीं आता है। हम विश्व में समृद्ध थे तब भी, हमने कभी दुनिया को युद्ध में नहीं झोंका है। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है और इसलिए भारत के आगे बढ़ने से विश्व चिंतित न हो, मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं।
उन्होंने कहा कि आप भारत के संस्कारों को समझिए, भारत के हजारों साल के इतिहास को समझिए, आप हमें संकट मत मानिए, आप उन तरकीबों से न जुड़िए, जिसके कारण पूरी मानव जाति का कल्याण करने का सामर्थ्य जिस भूमि में है, उस भूमि को ज्यादा मेहनत करनी पड़े। लेकिन फिर भी मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं, चुनौतियां कितनी ही क्यों न हों, चुनौती को चुनौती देना, ये हिन्दुस्तान की फितरत में है। न हम डिगेंगे, न हम थकेंगे, न हम रुकेंगे, न हम झुकेंगे। हम संकल्पों की पूर्ति के लिए 140 करोड़ देशवासियों का भाग्य बदलने के लिए, भाग्य सुनिश्चित करने के लिए, राष्ट्र के सपनों को साकार करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। हर बदनीयत वालों को हम हमारी नेकनीयत से जीतेंगे, ये मैं विश्वास दिलाता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस वक्तव्य को दुनिया की महाशक्तियों के साथ-साथ भारत के पड़ोसी देशों के लिए भी एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। उन्होंने ऐसा कह कर भारत के पड़ोसी देशों के साथ-साथ विकसित देशों को भी यह संदेश देने का प्रयास किया है कि भारत के हर तरह से मजबूत होने का फायदा पूरे विश्व को होगा और पूरे विश्व का कल्याण होगा।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आत्मनिर्भर हो रही महिलाओं का जिक्र करते हुए यह भी बताया कि करीब 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं। वह व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। उन्हें गर्व है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि दलितों को सुरक्षा देने का काम संविधान ने किया है। अब जब 75 वर्ष होने वाले हैं, अपने कर्तव्यों को समझना जरूरी है, कर्तव्य केंद्र के भी हैं, राज्य सरकारों के भी हैं, हर संस्थान के हैं। लेकिन इसके साथ-साथ देश के 140 करोड़ लोगों के भी कर्तव्य हैं। सब अगर इसका पालन करेंगे तो सभी की रक्षा होगी, तब अधिकारों की रक्षा निहित हो जाती है। केंद्र की कई योजनाओं का सीधा फायदा पिछड़े-दलित समाज को मिला है। देश के जिन गरीबों को गैस का चूल्हा मिला है, जिनका अब बैंक अकाउंट खुल चुका है, वो सब मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।
मणिपुर के साथ देश के खड़े होने की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि पूर्वोत्तर और मणिपुर, देश के अन्य हिस्सों में हिंसा का दौर चला। कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ। देश मणिपुर के साथ है। अब शांति की खबरें आ रही है। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर समस्या का समाधान खोजने के लिए काम कर रही हैं। घटना मणिपुर में होती है तो देश को भी दुख होता है। हम एक हैं। हम सब मिलकर काम करेंगे।
युवाओं को ग्रीन जॉब्स देने के लक्ष्य के बारे में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में ग्रीन जॉब्स का कल्चर बढ़ गया है। इलेक्ट्रिक व्हीकल, ग्रीन हाइड्रोजन, नेट जीरो एमिशन पर सरकार का फोकस है। इससे देश में युवाओं को ग्रीन जॉब्स मिलेगी तो देश पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ेगा। सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है, यह समय की मांग है। सरकार किसानों को आधुनिक पद्धतियां अपनाने के लिए हर संभव मदद दे रही है।
भारत के इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब भारत इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब होगा। विश्व के बहुत सारे उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं। राज्य सरकारों से अपील है कि आप निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीति निर्धारित करें, कानून-व्यवस्था के संबंध में उन्हें आश्वासन दीजिए। राज्यों के बीच निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना जैसे कई सुझाव शामिल हैं।
–आईएएनएस
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