नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास को मंजूरी दी थी। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर इसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस तरह की अवधारणा देश की सभ्यता के इतिहास को समझने में मदद करेगी तथा संस्कृति और पर्यटन की दुनिया में नए अवसर पैदा करेगी।
पीएम मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर विकसित करने के निर्णय को “दिलचस्प” करार दिया। उन्होंने कहा, “इस तरह की अवधारणा संस्कृति और पर्यटन की दुनिया में नए अवसर पैदा करेगी। भारत संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में अधिक भागीदारी का आह्वान करता है।”
पीएम मोदी ने पोस्ट के साथ अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन का लिंक शेयर किया जहां उन्होंने एक पोस्ट में कहा है कि पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोथल में एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के निर्माण को मंजूरी दे दी! मुझे इसके बारे में आपको बताते हुए खुशी हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अहमदाबाद के पास स्थित लोथल दुनिया का सबसे पुराना डॉकयार्ड है। एक समय में यह सभ्यताओं, विचारों और व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहां की खुदाई से लोथल के महत्वपूर्ण समुद्री केंद्र होने के सबूत मिले हैं। हजारों साल पहले बनाए गए इन डॉक्स में हमारे पूर्वजों की सृजनात्मकता और तकनीकी क्षमता का प्रमाण दिखाई देता है। इसकी एडवांस इंजीनियरिंग और शहरी योजना आधुनिक दर्शकों को हैरान कर देती है और हमारे अतीत की महानता के दर्शन कराती है।
उन्होंने आगे कहा, “अफसोस की बात है कि आजादी के बाद के दशकों में हमने अपने इतिहास के कई पहलुओं और कई ऐतिहासिक स्थलों को नजरअंदाज कर दिया, जिससे हमारा समृद्ध अतीत हमारी यादों से ओझल हो गया। हालांकि, पिछले दस साल में इस ट्रेंड में बदलाव आया है।
“इस प्रकार, इसी भावना से हमारी सरकार ने एक जीवंत राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर बनाने का निर्णय लिया है, जो हमारी सभ्यता के इतिहास की समझ को बढ़ाने में मदद करेगा। यह नया प्रोजेक्ट निश्चित रूप से इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के बीच उत्साह जगाएगा। यह परिसर प्राचीन लोथल को डॉक सिटी की एक छोटी प्रतिकृति के रूप में फिर से जीवंत कर देगा। इस परिसर के केंद्र में एक लाइटहाउस म्यूजियम होगा, जिसकी ऊंचाई 77 मीटर होगी। इसी के साथ यह दुनिया का सबसे ऊंचा म्यूजियम होगा। विभिन्न इमर्सिव गैलरी इस अनुभव को और भी बेहतर बना देगी।”
पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह के प्रयास से पर्यटन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जिसे मैं भारत में विकास का एक प्रमुख चालक मानता हूं। जब पर्यटन बढ़ता है तो सभी क्षेत्रों की आय बढ़ती है। मैं अग्रणी एवं सम्मानित पेशेवरों से अनुरोध करता हूं कि आप पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसरों की तलाश करें और मुझे अपने विचारों से अवगत कराएं। इस तरह हम एक मजबूत अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे और साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने समृद्ध अतीत को संरक्षित भी रखेंगे।”
–आईएएनएस
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