नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी यानि गुरुवार को दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जायेगा। जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र-बिंदु होगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रकट करने के इन्ही प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसकेपी
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नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी यानि गुरुवार को दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जायेगा। जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र-बिंदु होगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रकट करने के इन्ही प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
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नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी यानि गुरुवार को दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जायेगा। जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र-बिंदु होगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रकट करने के इन्ही प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
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कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
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कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
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आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
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आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रकट करने के इन्ही प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसकेपी
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नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी यानि गुरुवार को दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जायेगा। जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र-बिंदु होगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रकट करने के इन्ही प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी यानि गुरुवार को दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जायेगा। जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र-बिंदु होगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रकट करने के इन्ही प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे। वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे। महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।