हैदराबाद, 2 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वारंगल जिले के हनमकोंडा में रेलवे वैगन विनिर्माण इकाई की आधारशिला रखने के लिए 8 जुलाई को तेलंगाना का दौरा करेंगे।
प्रधानमंत्री के दाैैैरे को लेकर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने कहा कि 8 जुलाई को मोदी इस इकाई के साथ ही निश्चित समयांतराल पर रेलवे कोच की ओवरहालिंग सुविधा की आधारशिला भी रखेंगे। राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
उन्होंने इकाई स्थापित होने वाली जगह का दौरा करने के बाद यह घोषणा की।उन्होंने दक्षिण मध्य रेलवे और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इकाई की क्षमता प्रति माह 200 वैगन बनाने की होगी। रेल कोच फैक्ट्री की बजाय प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के लिए एक वैगन विनिर्माण इकाई को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अनुमति से इकाई के विवरण की घोषणा की जाएगी। उन्हें उम्मीद है कि यह इकाई क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। केंद्रीय मंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के जिला कलेक्टर और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ भी बैठक की।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ उन्होंने चल रही परियोजनाओं और प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की।
केंद्रीय मंत्री ने मीडियाकर्मियों को बताया कि प्रधानमंत्री विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। वह वारंगल के आर्ट्स कॉलेज मैदान में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री 5,587 करोड़ रुपये की लागत से राजमार्ग विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगे। वह 1,127 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले एक नए राजमार्ग की भी आधारशिला रखेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार राज्य के प्रति भेदभाव का आरोप लगाकर केंद्र को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार राजमार्गों के विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सभी कदम उठा रही है। वहीं केंद्र वारंगल में ऐतिहासिक हजार खंभों वाले मंदिर का भी जीर्णोद्धार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने हैदराबाद के आसपास के 10 जिलों को जोड़ने के लिए क्षेत्रीय रिंग रोड (आरआरआर) विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। केंद्र इस परियोजना का पूरा खर्च वहन करेगा, जिसकी अनुमानित लागत 26,000 करोड़ रुपये है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण पूरा करने के तुरंत बाद काम शुरू हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने केंद्र को 350 किलोमीटर लंबी क्षेत्रीय रिंग रोड के साथ आउटर रिंग रेल विकसित करने का भी प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने आउटर रिंग रेल के सर्वेक्षण के लिए धन भी आवंटित किया है।
उन्होंने खुलासा किया, कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए केंद्र ने पहले ही एमएमटीएस ट्रेन को यदाद्री तक विस्तारित करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने काम में देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने अपने हिस्से का धन उपलब्ध नहीं कराया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर राज्य सरकार धन उपलब्ध कराने में विफल रहती है, तो भी केंद्र परियोजना शुरू करने के लिए आवश्यक धन मंजूर करेगा।
–आईएएनएस
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