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पीएम विश्वकर्मा योजना से बदल रही है गरीब कुम्हारों की जिंदगी

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November 3, 2024
in राष्ट्रीय
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पीएम विश्वकर्मा योजना से बदल रही है गरीब कुम्हारों की जिंदगी
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गढ़वा, 3 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री की जन हितकारी पीएम विश्वकर्मा योजना से छोटे स्तर पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की जिंदगी बदल रही है।

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

पीएसएम/एफजेड

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गढ़वा, 3 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री की जन हितकारी पीएम विश्वकर्मा योजना से छोटे स्तर पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की जिंदगी बदल रही है।

इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

पीएसएम/एफजेड

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गढ़वा, 3 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री की जन हितकारी पीएम विश्वकर्मा योजना से छोटे स्तर पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की जिंदगी बदल रही है।

इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

पीएसएम/एफजेड

गढ़वा, 3 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री की जन हितकारी पीएम विश्वकर्मा योजना से छोटे स्तर पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की जिंदगी बदल रही है।

इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

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गढ़वा, 3 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री की जन हितकारी पीएम विश्वकर्मा योजना से छोटे स्तर पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की जिंदगी बदल रही है।

इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

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गढ़वा, 3 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री की जन हितकारी पीएम विश्वकर्मा योजना से छोटे स्तर पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की जिंदगी बदल रही है।

इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

–आईएएनएस

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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इस योजना को लाने का मकसद छोटे कामकाजी कुम्हारों को सहायता प्रदान करना था, जो अब मील का पत्थर साबित हो रही है। छोटे कुम्हारों की जिंदगी इस योजना से बदल रही है। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले छोटे कुम्हारों को इस योजना से जबरदस्त फायदा हुआ है।

मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

चाक पर काम करने वाली एक अन्य महिला ने कहा, “पहले हालात काफी खराब थे। लोगों को कोई मदद नहीं मिलती थी और व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। लेकिन अब जब से मोदी सरकार आई है, सब कुछ बदल गया है। उन्होंने कई सुधार किए हैं और लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अब व्यवस्था में सुधार आया है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उन्हें काम करने का मौका दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले अब स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। पहले लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें मदद मिल रही है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों की मानसिकता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं ने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है, जिससे लोग आगे बढ़ने की प्रेरणा ले रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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मिट्टी से विभिन्न सामान बनाने वाले अनिल प्रजापति का कहना है कि जब से पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, तब से स्थिति में सुधार हुआ है। इससे पहले, चीन से आने वाले सामान के कारण स्थानीय कारीगरों को ठीक से काम नहीं मिल रहा था। जो सामान हम बनाते थे, वह बाजार में बिकता था, लेकिन कई बार उसे वापस लाना पड़ता था। लेकिन अब, जब से पीएम मोदी ने चीन के सामान पर रोक लगाई है, तब से हमारे बनाए मिट्टी के सामान की बिक्री में सुधार आया है। पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी बदलाव आया है। अब हमारा अधिकांश सामान बिकने लगा है। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे उचित बाजार की उपलब्धता। हम अपनी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में और भी सुधार होगा। हमें अपने काम पर गर्व है और हम आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाली एक महिला का कहना है, “हम कुम्हार जाति से हैं। पहले हमारी बिक्री नहीं थी। लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमारे लोगों की वैल्यू बढ़ गई है। हमें चाक से लेकर हर सामान मिल रहा है। हम लोग इससे खूब पैसा कमा रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं। अब हमें हमारे सामान का रेट भी अच्छा मिल रहा है।”

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एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी सरकार में आए हैं, तबसे हमारी आमदनी में बहुत वृद्धि हुई है। हमारी आय पहले से ज्यादा हो गई है। पहले तो आलम यह था कि पूरे साल में मात्र तीन महीने ही हम लोग काम कर पाते थे। बाकी दिनों में कोई बिक्री ही नहीं होती थी। लेकिन अब पूरे साल कुछ न कुछ आमदनी होती रहती है। नरेंद्र मोदी ने हमारी स्थिति सुधारने के लिए अपील की थी कि सब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। मिट्टी का बर्तन शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पहले चीन का ही सब सामान बिकता था।”

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