चेन्नई, 14 नवंबर (आईएएनएस)। सार्वजनिक क्षेत्र की गैर-जीवन बीमा कंपनी द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अपनी कुछ अचल संपत्तियों को बेचने की योजना बना रही है। यह बात कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कही।
उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने मालिक – भारत सरकार – द्वारा निर्धारित लगभग सभी लक्ष्यों को पूरा कर लिया है और जल्द ही सभी सुविधाओं के साथ एक नया पोर्टल लॉन्च करेगी।
कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.आर.सिंह ने आईएएनएस को बताया, “हमारे पास बहुत सारी अचल संपत्तियां हैं, जिनमें से ज्यादातर प्रमुख शहरों में आवासीय अपार्टमेंट हैं। हमें अचल संपत्तियों को बेचने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति मिल गई है। कंपनी अचल संपत्तियों का मूल्यांकन करवा रही है।”
उन्होंने कहा कि आवासीय क्वार्टरों का रखरखाव प्रभावित हुआ है, क्योंकि कर्मचारियों की कमी के कारण कई क्वार्टर खाली हैं।
बीमाकर्ता ने देशभर में लगभग 200 कार्यालयों को बंद करने/विलय करने से किराये के खर्च के रूप में एक बड़ी रकम बचाई है और वह अपनी संपत्ति को जनरल इंश्योरेंस पब्लिक सेक्टर एसोसिएशन (जीआईपीएसए) को किराए पर देकर किराये से आय अर्जित करेगा।
सिंह ने कहा, “जीआईपीएसए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के स्वामित्व वाली संपत्ति से काम कर रहा था। अब यह अपना कार्यालय हमारी संपत्ति में स्थानांतरित कर देगा। एलआईसी को जरूरी नोटिस दिया गया है।”
एक उल्लेखनीय बदलाव में द ओरिएंटल ने चालू वित्तवर्ष की पहली छमाही के दौरान अपने शुद्ध घाटे को पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान दर्ज किए गए 3,586.93 करोड़ रुपये से घटाकर 42.17 करोड़ रुपये कर दिया है।
उन्होंने कहा कि कारकों के संयोजन – जोखिमों की विवेकपूर्ण हामीदारी, खर्चों में कटौती और अन्य – के परिणामस्वरूप कंपनी का शुद्ध घाटा कम होकर 42.17 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा कि अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन जारी रखती है तो वह साल का अंत मामूली लाभ के साथ करेगी और कर्मचारियों के वेतन में संशोधन हो सकता है।
सिंह ने कहा कि कंपनी ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अधिकांश लक्ष्य हासिल कर लिए हैं, जिससे व्यय दावा अनुपात (आईसीआर) में कमी आई है।
सिंह ने कहा, “पहली छमाही के प्रदर्शन को देखें तो कंपनी ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों का 80-90 फीसदी पूरा कर लिया है।”
कंपनी के अनुसार, उसने वेतन संशोधन के लिए कोई राशि प्रदान नहीं की है, क्योंकि यह मुख्य प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) प्राप्त करने वाले कर्मचारियों पर निर्भर करता है।
सिंह ने कहा, “हमने केपीआई तय कर दिया है, जहां परिणाम की मात्रा निर्धारित की जा सकती है। ऐसे मामले में जहां केपीआई की मात्रा निर्धारित नहीं की गई है, हम उस पर काम कर रहे हैं । इस साल दिसंबर तक कंपनी के पास एक नया ऑनलाइन पोर्टल होगा, जिसमें सभी सुविधाएं होंगी।”
(वेंकटचारी जगन्नाथन से v.jagannathan@ians.in पर संपर्क किया जा सकता है)
–आईएएनएस
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