नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। खाद्य एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि स्मार्ट-पीडीएस एक तकनीकी संचालित पहल समय की मांग है, इसलिए सभी राज्यों को स्मार्ट-पीडीएस को जल्द से जल्द लागू करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गोयल ने एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली पर जोर दिया, इसका उद्देश्य मानवीय हस्तक्षेप को कम करना और मौजूदा प्रक्रियाओं में स्वचालन को बढ़ावा देना है।
गौरतलब है कि स्मार्ट-पीडीएस एक ऐसी प्रणाली है, जहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को स्मार्ट राशन कार्ड जारी किए जाते हैं और लाभार्थी परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा स्मार्ट राशन कार्ड प्रस्तुत करने पर उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से राशन दिया जाता है।
इन स्मार्ट राशन काडरें में लाभार्थी का फिंगरप्रिंट टेम्प्लेट दर्ज किया जाता है, जिसमें सभी लेन-देन रिकॉर्ड होते हैं।
इस बीच, गोयल ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न की मुफ्त आपूर्ति श्रृंखला के लिए पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण होनी चाहिए।
भंडारण के मोर्चे पर, गोयल ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अपने गोदामों को पांच सितारा रेटिंग वाले गोदामों में अपग्रेड कर रहा है और राज्यों को इसका पालन करना चाहिए।
राज्यों के लंबित दावों के निपटारे पर मंत्री ने कहा कि यह प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है और इसे तुरंत निपटाया जाएगा।
सम्मेलन के दौरान, बाजरा की खरीद और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों के बीच इसके उपयोग से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
राज्यों से आग्रह किया गया कि वे कर्नाटक में आईसीडीएस, मिड-डे मील और पीडीएस जैसी योजनाओं में बाजरा का उपयोग करने के सर्वोत्तम अभ्यास से सीखें ,जो पोषण जोड़ने और स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने में सहायक है।
–आईएएनएस
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