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Home ताज़ा समाचार

पीलीभीत में हुए आतंकियों के मुठभेड़ का मामला, सामने आया लंदन कनेक्शन

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December 26, 2024
in ताज़ा समाचार
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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

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तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

–आईएएनएस

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

–आईएएनएस

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

–आईएएनएस

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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पीलीभीत, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हुए आतंकियों के मुठभेड़ मामले में एक नया मोड़ आया है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों का लंदन से कनेक्शन सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के इन आतंकियों की मदद के लिए लंदन से एक इंटरनेट कॉल की गई थी। इस कॉल के जरिए स्थानीय युवक से मदद मांगी गई थी, जो बाद में आतंकियों के साथ होटल में नजर आया।

तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

दरअसल यह मामला पंजाब में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़ा है, जो एक महीने में सातवां हमला था। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। रेड के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया। इस दौरान यूपी के पीलीभीत जिले में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक मुठभेड़ हुई, जिसमें हमलावरों से पुलिस का सामना हुआ। इस मुठभेड़ में तीन आरोपियों की गोली लगने के बात मौत हो गई है।

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तीनों आतंकियों के पास जो कॉल आई थी, वह लंदन से की गई थी। यह कॉल स्थानीय युवक को की गई थी, जिसने आतंकियों की मदद की। पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर इस युवक की पहचान हुई, जो होटल में आतंकियों के साथ नजर आ रहा था। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे दोनों युवक पीलीभीत जिले के गजरौला इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद, पीलीभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने बताया कि इन युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि लंदन से उन्हें किसने कॉल की थी और उनका मकसद क्या था। कॉल करने वाला शख्स कुछ साल पहले ग्रीस में था और अब लंदन में रह रहा है।

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इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी। पोस्ट में कहा गया था कि यह हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था।

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