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Home ताज़ा समाचार

पीसीसी चीफ पर ईडी का छापा, गहलोत के बेटे को नोटिस, तेज हुई सियासी बयानबाजी !

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October 28, 2023
in ताज़ा समाचार
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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

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इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

एबीएम

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

एबीएम

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

एबीएम

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

एबीएम

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

एबीएम

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

एबीएम

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

एबीएम

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान में कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन बेहद घटनापूर्ण रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी फेमा मामले में नोटिस दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी डोटासरा के जयपुर-सीकर स्थित आवासों पर 8 घंटे तक रुके। छापेमारी के तार सीकर में कोचिंग अकादमी से जुड़े हुए हैं। ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कोचिंग सेंटर और राजनेताओं के बीच सीधी साझेदारी की बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियां मौजूद थी।

इन छापों के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल ‘टिड्डी दल’ की तरह कर रही है।

सूत्रों की पुष्टि के मुताबिक, ईडी को सीधी साझेदारी के बजाय चार प्रॉक्सी कंपनियों के सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा, ”ईडी कलाम अकादमी सेंटर से जुड़े मनी ट्रेल (मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताएं) को समझने की कोशिश कर रही है। ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं और लेनदेन कैसे किया गया।”

गुरुवार को ईडी के अधिकारी डोटासरा के सीकर और जयपुर स्थित आवास पर लगभग एक साथ पहुंचे। तीन अलग-अलग गाड़ियों में तीन अधिकारी जयपुर स्थित आवास पर पहुंचे। सीकर स्थित घर पर भी तीन अधिकारी पहुंचे।

डोटासरा जयपुर स्थित अपने आवास पर मौजूद थे। ईडी ने उनके सीकर स्थित आवास पर उनके बेटे और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने डोटासरा या उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ नहीं की, बल्कि सिर्फ फाइलें, कागजात और डायरियां खंगालीं। किसी से पैसे, आभूषण या अन्य संपत्तियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। सीकर में भी उनके घर पर इसी तरह छापेमारी की गई थी। वहां भी अधिकारियों ने कोई सवाल नहीं पूछा, सिर्फ दस्तावेजों की जांच की।

ईडी के अधिकारी करीब 8 घंटे तक दोनों घरों में रहे। इसके बाद टीम कार्यालय लौट गईं।

सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शेखावाटी की कलाम एकेडमी का नाम सामने आया था। राज्य सरकार ने जांच एसओजी को सौंपी थी।

पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, शेर सिंह मीणा, भूपेंद्र सारण समेत 60 से ज्यादा लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था।

एसओजी इस मामले की जांच कर ही रही थी कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर ईडी भी इसमें शामिल हो गई और 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड स्थित कलाम एकेडमी पर छापा मारा।

इस छापेमारी में ईडी के करीब 12 अधिकारी 3 गाड़ियों में अकादमी पहुंचे। यहां कलाम अकादमी की दो इमारतें हैं। ईडी ने प्रशासनिक भवन के मुख्य परिसर में छापेमारी की।

किरोड़ी लाल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कलाम एकेडमी का नाम डोटासरा से जुड़ा है। इसके बाद उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी ये दावे किए।

पिछली छापेमारी में ईडी ने कलाम एकेडमी और निदेशकों के दस्तावेजों की जांच की थी। आरईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे और कलाम में पंजीकृत अभ्यर्थियों का डेटा लिया गया।

शिकायत के आधार पर अकादमी में वित्तीय जांच की गई। पैसों के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड की भी जांच की गई।

सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले छापेमारी से ईडी को यह साफ हो गया था कि कलाम एकेडमी से जुड़ी चार प्रॉक्सी कंपनियां हैं, जिनमें लेनदेन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को डोटासरा के घर पर ईडी की छापेमारी की मुख्य वजह यही थी।

ईडी अब यह जानना चाहती है कि कलाम अकादमी में आने वाला पैसा साझेदारों के बीच कैसे बांटा गया और इसका कितना हिस्सा प्रॉक्सी कंपनियों तक पहुंचा और कौन से लोग प्रॉक्सी कंपनियों से जुड़े हुए हैं।

कलाम एकेडमी इससे पहले भी आरईईटी-2021 का पेपर लीक होने के बाद विवाद में घिर गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर भी आउट हो गया। इस मामले में कलाम एकेडमी का भी नाम आया था।

रीट (आरईईटी), वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सीकर के कोचिंग संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई।

पूछताछ में पता चला कि शेर सिंह ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा से पहले ही कोचिंग सेंटरों में प्रश्नपत्र में आने वाले प्रश्न लिखवाए थे।

ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम अकादमी में प्रश्न निर्देशित किये थे।

इस बीच राजनेताओं के बयानों की झड़ी लग गई है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, ”मैं राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर ईडी छापे की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी का समन दिया गया है। भाजपा ऐसे हथकंडों से कांग्रेस नेताओं को नहीं डरा सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ईडी की कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार है तो ईडी की छापेमारी से क्यों डरें?

उन्होंने कहा, “अगर उनका बेटा और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार हैं तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा। वे हंगामा कर रहे हैं, मतलब कुछ गड़बड़ है। अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल तक भ्रष्ट दीमक बनकर राज्य को बर्बाद कर दिया है। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। 17 से ज्यादा पेपर आउट हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”

इस बीच डोटासरा ने कहा, ”भाजपा इस तरह की कार्रवाई करके केवल हमारा समय बर्बाद करना और हमें डराना चाहती है। अगर मैं बेईमान हूं तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहने को तैयार हूं।”

–आईएएनएस

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