मुंबई, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुंबई की एक अदालत ने पुणे के गिरफ्तार ड्रग माफिया ललित पाटिल और उसके तीन सहयोगियों की पुलिस हिरासत 27 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।
पहली रिमांड समाप्त होने के बाद, पाटिल को अंधेरी मजिस्ट्रेट विजय सी. गवई की अदालत में पेश किया गया, जिन्होंने उसकी पुलिस हिरासत शुक्रवार तक बढ़ा दी।
उसके अलावा सचिन वाघ, रोहित चौधरी और शिवाजी शिंदे की हिरासत 27 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।
रिमांड बढ़ाने की दलील देते हुए पुलिस अभियोजकों ने कहा कि मामले की जांच के दौरान बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए गए थे। वाघ ने पाटिल के निर्देश पर मेफेड्रोन दवाओं के बड़े स्टॉक को नष्ट करने की बात स्वीकार की थी।
हालांकि, पुलिस को यह पता लगाना है कि क्या वाघ ने वास्तव में नशीले पदार्थों को ठिकाने लगा दिया या उसे कहीं छिपा दिया है।
अभियोजकों ने कहा कि पाटिल का भाई भूषण पाटिल भी अवैध ड्रग्स कारोबार में शामिल था। वह मामले में अब तक गिरफ्तार 15 आरोपियों में से एक है।
पुलिस दोनों भाइयों से विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ करना चाहती है, जैसे एमआईडीसी नासिक में चल रही दवा फैक्ट्री का मालिक कौन था, जिसे किसी अन्य व्यक्ति को पट्टे पर दिया गया था, लेकिन भूषण पाटिल चला रहा था और जीपे-फोनपे के माध्यम से किराया मिल रहा था।
पाटिल ससून अस्पताल से 2 अक्टूबर को पुणे पुलिस के चंगुल से “भाग गया” था। उसे मुंबई पुलिस की एक टीम ने चेन्नई के पास से गिरफ्तार किया था।
17 अक्टूबर को उसे मुंबई लाया गया, जिसके बाद 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुणे में इसी मामले में पाटिल के खिलाफ दर्ज मामलों के लिए उसकी हिरासत की मांग के लिए पुणे पुलिस की एक टीम भी मुंबई में है।
यहां तक कि राज्य में सत्तारूढ़ महायुति सरकार और विपक्षी महा विकास अघाड़ी के नेताओं के बीच एक बड़ा राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया है।
–आईएएनएस
एबीएम
मुंबई, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुंबई की एक अदालत ने पुणे के गिरफ्तार ड्रग माफिया ललित पाटिल और उसके तीन सहयोगियों की पुलिस हिरासत 27 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।
पहली रिमांड समाप्त होने के बाद, पाटिल को अंधेरी मजिस्ट्रेट विजय सी. गवई की अदालत में पेश किया गया, जिन्होंने उसकी पुलिस हिरासत शुक्रवार तक बढ़ा दी।
उसके अलावा सचिन वाघ, रोहित चौधरी और शिवाजी शिंदे की हिरासत 27 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।
रिमांड बढ़ाने की दलील देते हुए पुलिस अभियोजकों ने कहा कि मामले की जांच के दौरान बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए गए थे। वाघ ने पाटिल के निर्देश पर मेफेड्रोन दवाओं के बड़े स्टॉक को नष्ट करने की बात स्वीकार की थी।
हालांकि, पुलिस को यह पता लगाना है कि क्या वाघ ने वास्तव में नशीले पदार्थों को ठिकाने लगा दिया या उसे कहीं छिपा दिया है।
अभियोजकों ने कहा कि पाटिल का भाई भूषण पाटिल भी अवैध ड्रग्स कारोबार में शामिल था। वह मामले में अब तक गिरफ्तार 15 आरोपियों में से एक है।
पुलिस दोनों भाइयों से विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ करना चाहती है, जैसे एमआईडीसी नासिक में चल रही दवा फैक्ट्री का मालिक कौन था, जिसे किसी अन्य व्यक्ति को पट्टे पर दिया गया था, लेकिन भूषण पाटिल चला रहा था और जीपे-फोनपे के माध्यम से किराया मिल रहा था।
पाटिल ससून अस्पताल से 2 अक्टूबर को पुणे पुलिस के चंगुल से “भाग गया” था। उसे मुंबई पुलिस की एक टीम ने चेन्नई के पास से गिरफ्तार किया था।
17 अक्टूबर को उसे मुंबई लाया गया, जिसके बाद 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुणे में इसी मामले में पाटिल के खिलाफ दर्ज मामलों के लिए उसकी हिरासत की मांग के लिए पुणे पुलिस की एक टीम भी मुंबई में है।
यहां तक कि राज्य में सत्तारूढ़ महायुति सरकार और विपक्षी महा विकास अघाड़ी के नेताओं के बीच एक बड़ा राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया है।
–आईएएनएस
एबीएम