जबलपुर, 1 जून (आईएएनएस)। पुणे हिट एंड रन का मामले बीते दिनों से काफी सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, एक रईसजादे ने करोड़ों रुपयों की कार को बेलगाम तरीके से चलाकर बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों (लड़का-लड़की) को टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई।
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने शनिवार को मृतक अश्विनी कोष्टा के निवास पर पहुंचकर उनके पिता सुरेश कुमार कोष्टा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अश्विनी कोष्टा के निधन पर शोक व्यक्त किया और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने पीड़ित परिवार को यह भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार से बात कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
गौरतलब है कि 19 मई को पुणे में एक नाबालिग देर रात करीब दो करोड़ की स्पोर्ट्स कार से बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टक्कर मार दी। इस हादसे में अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया की मौत हो गई। दोनों मृतक आईटी सेक्टर में काम करते थे। मौके पर भीड़ ने नाबालिग की पिटाई की और फिर पुलिस के हवाले कर दिया।
जानकारी के अनुसार, आरोपी 12वीं की रिजल्ट आने के बाद जश्न मनाने के लिए घर से निकला था। आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ पब में शराब की थी और उसके बाद सड़क पर अपनी कार दौड़ा रहा था। आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल पुणे के नामी रियल एस्टेट डेवलपर हैं।
इधर, इस मामले में नाबालिग आरोपी के खून का नमूना बदलने के लिए शनिवार को उसकी मां शिवानी विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
हाल ही में पुलिस की जांच में पता चला था कि कथित तौर पर हादसे के समय कार चला रहे नाबालिग आरोपी के खून का जो नमूना जांच के लिए ससून जनरल हॉस्पिटल भेजा गया था, उसे बदल दिया गया। शिवानी विशाल अग्रवाल की गिरफ्तारी इसी सिलसिले में हुई है।
माना जा रहा है ससून अस्पताल के डॉक्टरों ने 17 साल के आरोपी को बचाने के लिए उसके खून की जगह जिस दूसरे खून का नमूना जांच के लिए भेज दिया था, वह शिवानी अग्रवाल का ही था।
–आईएएनएस
पीएसके/एसकेपी