कोलकाता, 12 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता पुलिस के जांच अधिकारियों को जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के मृतक स्वप्नदीप कुंडू के मनोवैज्ञानिक रैगिंग का शिकार होने के निश्चित सुराग मिले हैं।
गणित के पूर्व एम. एससी छात्र सौरव चौधरी को अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक, चौधरी ने न केवल मनोवैज्ञानिक रैगिंग की साजिश रची, बल्कि छात्र के हॉस्टल में आवास व्यवस्था में भी अंतिम फैसला उसी का था, जिसकी बालकनी से पीड़ित की 10 अगस्त को गिरकर मौत हो गई थी।
एक सवाल विश्वविद्यालय प्रशासन की निगरानी पर भी उठा है कि एक पूर्व छात्र हॉस्टल संबंधी प्रशासनिक कार्यों के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकता है।
सिटी पुलिस सूत्रों ने कहा कि कुछ हॉस्टल निवासियों सहित गवाहों के अलग-अलग बयानों के अनुसार, पीड़ित को आरोपी और उसके कुछ सहयोगियों द्वारा अनावश्यक रूप से बार-बार इंट्रोडक्शन सेशन का सामना करने के लिए कहा गया था।
पुलिस को संदेह है कि ऐसे अनधिकृत सेशनों के दौरान पीड़ित को शायद कुछ सवालों का सामना करना पड़ा, जिससे वह पूरी तरह परेशान हो गया।
पुलिस इन रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए पीड़ित से उसके यौन रुझान के बारे में पूछताछ की संभावना से इनकार कर रही है।
अपनी मौत से एक रात पहले पीड़ित अपने हॉस्टल के साथियों को लगातार बता रहा था कि वह समलैंगिक नहीं है।
शहर की अग्रणी समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता और परामर्शदाता सोनाली रॉय ने कहा कि किसी के यौन रुझान के बारे में सवालों का सामना करना, कभी-कभी किसी व्यक्ति के लिए बेहद परेशान करने वाला फैक्टर हो सकता है।
रॉय ने कहा कि यदि यह सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जादवपुर विश्वविद्यालय के एक छात्र को ऐसी चीज का सामना करना पड़ा।
दूसरी तरफ नियमित पुलिस जांच के अलावा, जेयू अधिकारियों ने मामले में अपनी जांच करने का भी फैसला किया है।
इस उद्देश्य के लिए विभिन्न विभागों के विश्वविद्यालय शिक्षकों के साथ-साथ विभिन्न छात्र परिषदों के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित की गई है।
जेयू के विज्ञान विभाग के डीन सुबिनॉय चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली समिति को 15 दिनों के भीतर आंतरिक जांच पूरी करनी है और विश्वविद्यालय अधिकारियों को एक रिपोर्ट सौंपनी है।
–आईएएनएस
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