डिंडौरी. बाड़मेर के रेगिस्तान की भीषण गर्मी हो या लेह लद्दाख की हांड मांस गला देने वाली सर्दीयां, हर परिस्थिति में पुलिसकर्मियों ने अपने साहस और परा
क्रम का परिचय दिया, ऐसे पराक्रम को याद करना हम सभी की जिम्मेदारी और कर्तव्य है। आज देश भर में पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन किया जा रहा है। आयो
जित कार्यक्रमों में पुलिसकर्मियों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को आज नमन किया जा रहा है।
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर डिंडोरी जिला पुलिस लाइन परिसर में शहीद पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि देकर श्रद्धांजलि दी गई। पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह ने पूरे देश के शहीदों की नामावली का वाचन किया, जिसके बाद ना
मावली सूची को शहीद स्मारक पर समर्पित कर दिया।
गणमान्यों ने पुष्पगुच्छ अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रुद्रेश परस्ते, नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सारस, कलेक्टर श्री हर्ष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह, सीईओ जिला पंचायत श्री अनिल कुमार राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री जग्गन्नाथ मरकाम, एसडीएम डिंडोरी श्री रामबाबू देवांगन सहित उपस्थित अन्य अधिकारीयों एवं नागरिकों ने पुष्पगुच्छ अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
शहीदों के परिवारों को सम्मानित कर दी सांत्वना
शहीदों के सम्मान में परेड ने शहीदों को सलामी दी और शोक शस्त्र की कार्यवाही की गयी एवं जिले के शहीद संतोष सिंह, शहीद विष्णुपाल सिंह, शहीद धीरज मरावी और शहीद पूरन लाल इरपाचे के परिजनों को शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। परिजनों के गमगीन होने पर कलेक्टर श्री हर्ष सिंह और पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह ने सांत्वना दी। पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह ने परिजनों को हर संभव मदद करने के लिए कहा कि पुलिस परिवार इस दुख की घड़ी में हमेशा परिजनों के साथ हैं।
पुलिस स्मृति दिवस
21 अक्तूबर, 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में आईटीबीपी के उप पुलिस अधीक्षक शहीद करम सिंह और सीआरपीएफ के उनके 20 सहयोगी गश्त दे रहे थे, उसी समय सशस्त्र चीनी टुकड़ी ने घात लगाकर हमला कर दिया,जिसमें पुलिस के 10 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन शहीदों एवं ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले अन्य सभी पुलिसकर्मियों की स्मृति में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दविस के रूप में मनाया जाता है।
पुलिस स्मृति दिवस अर्थात् 21 अक्टूबर को देश भर में शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, जबकि मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में आयोजित किया जाता है। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पुलिस बलों में राष्ट्रीय पहचान, गर्व, उद्देश्यों में एकरूपता, एक समान इतिहास और भविष्य की भावना भरने के साथ-साथ उनकी इस प्रतिबद्धता को भी और मजबूत करता है कि उन्हें अपने प्राणों की कीमत पर भी देश की रक्षा करनी है। साथ ही सभी नागरिकों को पुलिस के सर्वोच्च बलिदान के प्रति जागरूक करता है।