कोलकाता, 7 सितंबर (आईएएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) 10 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों के राष्ट्रव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारियों का जायजा लेना है। यह पुनरीक्षण स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है, जो आगामी चुनावों के लिए अहम है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल के बारासात में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के संगठनात्मक जिला अध्यक्ष और बारासात नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष सुनील मुखर्जी ने इस पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चिंता जताई है।
उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे सर्वेक्षण के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के साथ घर-घर जाएं। अगर मतदाता सूची से एक भी व्यक्ति का नाम हटाया गया तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “हम ऐसा आंदोलन करेंगे कि ताकि केंद्र सरकार को यह एहसास हो सके कि बंगाल आंदोलनों की धरती है।”
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने सांसदों के लिए दिल्ली में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है, जिसमें सभी सांसदों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य पार्टी की रणनीति को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए सांसदों को तैयार करना है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील मुखर्जी ने कहा, “भाजपा जो सोचेगी, वही करेगी। हम तृणमूल कांग्रेस से हैं और हमारी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती। इसलिए यह मायने नहीं रखता कि भाजपा दिल्ली में क्या करती है।”
उन्होंने टीएमसी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी बंगाल की जनता के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
बता दें चुनाव आयोग के सम्मेलन में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के साथ-साथ मतदाता जागरूकता अभियानों और तकनीकी उन्नयन पर भी चर्चा होगी। यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
–आईएएनएस
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