पटना, 1 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल से मोहभंग होने के बाद तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी करुणा सागर अपनी पत्नी के साथ बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।
करूणा सागर मूल रूप से बिहार से ही हैं। वो देश के सम्मानित आईपीएस अधिकारियों में गिने जाते हैं।
करूणा सागर राजद से नाता तोड़कर कांग्रेस में ऐसे वक्त में शामिल हुए हैं, जब दोनों ही पार्टियां एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद करुणा सागर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, बिहार कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश का आभार जताया।
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा, “आज कांग्रेस जो लड़ाई लड़ रही है, उसमें मैं अपने आपको एक गिलहरी के रूप में देखता हूं।“
उन्होंने कहा, “आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर मुझे काफी खुशी हो रही है। आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है। मैं ब्यूरोक्रेसी से आता हूं, मुझे पता है कि किस तरह से मेरे जैसे अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूदा समय में असहाय महसूस कर रहे हैं।“
करुणा सागर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास की पढ़ाई की। इसके बाद वो प्रशासनिक अधिकारी बने। उनके पिता भी सरकारी सर्विस में थे। वो भी अपने समय में गांधीवादी विचारधारा के पैरोकारी रहे। करुणा सागर ने ही देश में सबसे पहले ग्रीन कॉरिडोर की शुरुआत की थी।
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी
पटना, 1 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल से मोहभंग होने के बाद तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी करुणा सागर अपनी पत्नी के साथ बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।
करूणा सागर मूल रूप से बिहार से ही हैं। वो देश के सम्मानित आईपीएस अधिकारियों में गिने जाते हैं।
करूणा सागर राजद से नाता तोड़कर कांग्रेस में ऐसे वक्त में शामिल हुए हैं, जब दोनों ही पार्टियां एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद करुणा सागर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, बिहार कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश का आभार जताया।
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा, “आज कांग्रेस जो लड़ाई लड़ रही है, उसमें मैं अपने आपको एक गिलहरी के रूप में देखता हूं।“
उन्होंने कहा, “आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर मुझे काफी खुशी हो रही है। आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है। मैं ब्यूरोक्रेसी से आता हूं, मुझे पता है कि किस तरह से मेरे जैसे अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूदा समय में असहाय महसूस कर रहे हैं।“
करुणा सागर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास की पढ़ाई की। इसके बाद वो प्रशासनिक अधिकारी बने। उनके पिता भी सरकारी सर्विस में थे। वो भी अपने समय में गांधीवादी विचारधारा के पैरोकारी रहे। करुणा सागर ने ही देश में सबसे पहले ग्रीन कॉरिडोर की शुरुआत की थी।
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