नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान विधि आयोग ने अपनी प्रस्तुति दी।
सरकार ने एक बयान में कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने से संबंधित मुद्दे की जांच करने और उस पर सिफारिशें करने के लिए कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति ने आज यहां अपनी दूसरी बैठक की।
बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कानून और न्याय मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल, समिति के सदस्य गुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी मौजूद थे।
दूसरी बैठक के दौरान कोविंद ने सदस्यों के साथ 23 सितंबर को हुई पहली बैठक के कार्यवृत्त और उसके निर्णयों पर की गई कार्रवाई की पुष्टि की।
इसमें कहा गया कि समिति के सचिव नेन चंद्रा ने समिति के सदस्यों को पहली बैठक में लिए गए निर्णयों पर की गई विभिन्न अनुवर्ती कार्रवाई से अवगत कराया।
समिति को सूचित किया गया कि पहले लिए गए निर्णय के अनुसार एचएलसी का नाम बदलकर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव पर उच्चस्तरीय समिति’ कर दिया गया है। समिति को यह भी बताया गया कि छह राष्ट्रीय पार्टियों, 33 राज्य पार्टियों और सात पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को एक राष्ट्र एक चुनाव पर उनके सुझाव आमंत्रित करने के लिए पत्र भेजे गए हैं।
सचिव ने समिति को आगे बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए एक वेबसाइट www.onoe.gov.in भी विकसित की गई है, जो इस विषय पर सभी प्रासंगिक जानकारी का भंडार होने के अलावा, बातचीत करने और सुझाव प्राप्त करने के लिए सभी हितधारको को एक मंच प्रदान करेगी। बैठक के दौरान वेबसाइट लॉन्च की गई।
विधि आयोग ने बैठक के दौरान देश में एक साथ चुनाव के मुद्दे पर अपने सुझावों और दृष्टिकोणों को विस्तार से बताते हुए एक प्रस्तुति दी। विधि आयोग का प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी, प्रोफेसर आनंद पालीवाल, सदस्य और सदस्य सचिव खेत्रबासी बिस्वाल ने किया।
इसमें कहा गया है कि बैठक के दौरान समिति द्वारा सर्वसम्मति से दो निर्णय लिए गए, जिसमें चालू वित्तवर्ष-2023-24 के लिए समिति की खातिर बजटीय प्रावधान को मंजूरी देना और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का समिति की सदस्यता से इस्तीफे को मंजूरी देना शामिल है।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि विधि आयोग ने समिति को एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए क्या चुनौतियां हैं और कानूनी ढांचे को कैसे तैयार किया जाना चाहिए।
सूत्र ने आगे कहा कि इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक अतिरिक्त संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और उन्हें खरीदने में कितना समय लगेगा, इस पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
–आईएएनएस
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