चंडीगढ़, 22 मई (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य की पिछली सरकारों पर लोगों को लूटने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि पिछली सरकारों ने नौजवानों को नौकरियां बेचती थीं, जबकि उनकी सरकार पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से योग्यता के आधार पर नौकरियां मुहैया करा रही है।
संगरूर जिले के दिरबा और चीमा में तहसील परिसरों की आधारशिला रखने के बाद जनसभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधते हुए कहा कि चन्नी का भतीजा हर नौकरी के लिए दो करोड़ रुपये मांगता था।
इसके विपरीत, उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने पदभार ग्रहण किया है, तब से उनकी सरकार ने 29,000 से अधिक युवाओं को पूरी तरह योग्यता के आधार पर नौकरी दी है।
मान ने कहा कि राज्य के युवाओं का शोषण करने वाले इन नेताओं को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें राज्य की जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। पिछली सरकारों ने निर्दयतापूर्वक राज्य को लूटा था जिसके कारण राज्य प्रगति में पिछड़ गया था।
मान ने कहा कि राज्य को लूटने वाले इन भ्रष्ट नेताओं से सरकार एक-एक पाई वसूल करेगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी चैनलों को गुरबाणी के मुफ्त अधिकार देने की बजाय एसजीपीसी अध्यक्ष अपने आकाओं द्वारा खींची गई लकीर के अनुसार केवल एक चैनल को यह अधिकार देने पर अड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर दुनिया भर में सरब संजी गुरबानी के माध्यम से सरबत दा भला (सभी का कल्याण) का सार्वभौमिक संदेश प्रसारित किया जाता है तो एसजीपीसी अध्यक्ष को क्या आपत्ति है।
मान ने कहा कि एसजीपीसी के अध्यक्ष, जो लोकसभा चुनाव में अकाली दल के लिए वोट मांगते हैं, उन्हें धर्मोपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी अध्यक्ष को बताना चाहिए कि गुरबाणी के प्रसारण का अधिकार देने से धर्म को खतरा है। मान ने कहा कि यह अस्पष्ट बयान है जिसकी सभी को निंदा करनी चाहिए।
–आईएएनएस
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