नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)। पेटीएम के सहयोगी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मिले निर्देश के बाद ऐसी धारणा बन गई है कि कंपनी और उसके सहयोगी एक ही हैं। विश्लेषकों को संबोधित करते हुए पेटीएम के अध्यक्ष और ग्रुप सीएफओ मधुर देवड़ा ने कहा कि डिजाइन और संरचना दोनों के हिसाब से फिनटेक कंपनी और उसके सहयोगी एक नहीं हैं और न ही हो सकते हैं।
देवड़ा ने कहा, “ऐसी धारणा हो सकती है कि पेटीएम और पेटीएम पेमेंट बैंक एक ही हैं। लेकिन, डिजाइन और संरचना के हिसाब से ऐसा नहीं है।”
उन्होंने कहा, ”एक बैंक के लिए सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि, उसे उस शासन का पालन करना होगा, जिसका पालन एक बैंक को करना चाहिए, जिसका अर्थ है कि उसकी अपनी स्वतंत्र प्रबंधन टीम होनी चाहिए, जो बोर्ड को रिपोर्ट करती है और मामलों को बोर्ड की समितियों में आगे बढ़ाना है, जहां केवल स्वतंत्र निदेशक ही हो सकते हैं।”
पेटीएम के अध्यक्ष ने आगे कहा कि एक बैंक के पास स्वतंत्र अनुपालन और जोखिम टीमें भी होनी चाहिए।
एक भुगतान कंपनी के रूप में पेटीएम विभिन्न अन्य उत्पादों पर विभिन्न बैंकों (सिर्फ इसके सहयोगी नहीं) के साथ काम करता है।
कंपनी पिछले दो वर्षों से अन्य बैंकों के साथ काम कर रही है और अब योजनाओं में तेजी लाएगी और पूरी तरह से अन्य भागीदारों के पास जाएगी।
कंपनी की यात्रा का अगला चरण केवल अन्य बैंकों के साथ साझेदारी में अपने भुगतान और वित्तीय सेवा व्यवसायों का विस्तार जारी रखना है।
फिनटेक कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में यह भी कहा कि उसे अपने शेयरधारक समझौते के एक हिस्से के रूप में अपने सहयोगी के बोर्ड में दो बोर्ड सीटें रखने की अनुमति है और यह बैंक के संचालन पर प्रभाव नहीं डालती है।
कंपनी ने कहा कि हम इस अवसर पर यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि बैंकिंग नियमों के अनुसार पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड अपने प्रबंधन और बोर्ड द्वारा स्वतंत्र रूप से चलाया जाता है। जबकि, ओसीएल को अपने शेयरधारक समझौते के एक हिस्से के रूप में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के बोर्ड में दो बोर्ड सीटें रखने की अनुमति है। ओसीएल माइनॉरिटी बोर्ड सदस्य और माइनॉरिटी शेयरधारक के अलावा पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं डालता है।
–आईएएनएस
एमकेएस/एबीएम