सहारनपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज फुटबॉल और रग्बी खेल के साथ हो गया है। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के झबीरन गांव की धावक प्राची चौधरी भी शामिल हैं।
प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
–आईएएनएस
एसएम/एएस
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सहारनपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज फुटबॉल और रग्बी खेल के साथ हो गया है। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के झबीरन गांव की धावक प्राची चौधरी भी शामिल हैं।
प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
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प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
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चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
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प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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सहारनपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज फुटबॉल और रग्बी खेल के साथ हो गया है। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के झबीरन गांव की धावक प्राची चौधरी भी शामिल हैं।
प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
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प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
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प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
–आईएएनएस
एसएम/एएस
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सहारनपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज फुटबॉल और रग्बी खेल के साथ हो गया है। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के झबीरन गांव की धावक प्राची चौधरी भी शामिल हैं।
प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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सहारनपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज फुटबॉल और रग्बी खेल के साथ हो गया है। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के झबीरन गांव की धावक प्राची चौधरी भी शामिल हैं।
प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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सहारनपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज फुटबॉल और रग्बी खेल के साथ हो गया है। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के झबीरन गांव की धावक प्राची चौधरी भी शामिल हैं।
प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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सहारनपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज फुटबॉल और रग्बी खेल के साथ हो गया है। भारत के 117 खिलाड़ी इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के झबीरन गांव की धावक प्राची चौधरी भी शामिल हैं।
प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी इस मुकाम तक पहुंचकर देश का नाम रोशन करेंगी। खेल में बहुत सारी बाधाएं आती हैं, लेकिन लगन और मेहनत से सपने को पूरा किया जा सकता है। गांव में अभ्यास की सुविधा नहीं थी, फिर भी उसने अपने सपने को पूरा किया। ईश्वर ने घर में ऐसी बेटी दी, जिसने हमारे गांव और प्रदेश का नाम दुनिया भर में मशहूर कर दिया। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करूंगा कि वो अपनी बेटी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने दें, ताकि वह एक दिन देश का नाम रोशन कर सके।
प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
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चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।
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प्राची चार गुना 400 मीटर रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके घर और गांव में उनके ओलंपिक में सफल होने की कामना की जा रही है। बेटी के पेरिस ओलंपिक में पहुंचने से पिता जयवीर सिंह चौधरी और मां राजेश देवी बहुत खुश हैं।
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प्राची की मां ने कहा कि बचपन से ही उसे खेल में रूचि थी। 12वीं पास होने के बाद प्राची को पटियाला भेज दिया था। वहां उसने अपने खेल को जारी रखा और खूब मेहनत की। उन्होंने कहा कि बेटी को हमेशा से घर की बनी चीज ही पसंद है। घर का बना घी मैं हमेशा अपनी बेटी को भेजती हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वो ओलंपिक में सफल हों और गोल्ड मेडल जीत कर वापस लौटें।
अंकित ने बताया कि उसकी बहन प्राची का हमेशा से ओलंपिक में जाने का सपना था। उसने कक्षा छह से अभ्यास करना शुरू कर दिया था। पहले वो सड़क पर अभ्यास करती थी, फिर जिला स्तर पर खेलने के लिए मैदान में प्रैक्टिस करना शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गांव में खेल के लिए सुविधाएं और माहौल नहीं था। प्राची शुरुआत में फटे हुए जूते पहनकर अभ्यास करती थी, उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। खेल के अलावा वह पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं।
चीन में आयोजित हुए एशियाई गेम्स में प्राची चौधरी ने चार गुना चार सौ महिला रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। प्राची की इस उपलब्धि पर भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए उन्हें जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्राची को सम्मानित कर चुके हैं। प्राची को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति लेटर भी मिल चुका है। हालांकि, खेल में व्यस्त होने के चलते उन्होंने अभी इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया है।