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Home ताज़ा समाचार

पेरिस पैरालंपिक, जिसमें समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड तोड़ सकता है भारत

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August 18, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 मेडल जीतने के साथ अपना अभियान समाप्त किया। भारत इस बार गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को एक सिल्वर मेडल दिलाया था। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का सबसे बड़ा पदक साबित हुआ। इसके अलावा 5 कांस्य पदक जीते गए। अब 28 अगस्त से पेरिस पैरालंपिक शुरू होने जा रहा है।

यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

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पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 मेडल जीतने के साथ अपना अभियान समाप्त किया। भारत इस बार गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को एक सिल्वर मेडल दिलाया था। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का सबसे बड़ा पदक साबित हुआ। इसके अलावा 5 कांस्य पदक जीते गए। अब 28 अगस्त से पेरिस पैरालंपिक शुरू होने जा रहा है।

यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 मेडल जीतने के साथ अपना अभियान समाप्त किया। भारत इस बार गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को एक सिल्वर मेडल दिलाया था। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का सबसे बड़ा पदक साबित हुआ। इसके अलावा 5 कांस्य पदक जीते गए। अब 28 अगस्त से पेरिस पैरालंपिक शुरू होने जा रहा है।

यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 मेडल जीतने के साथ अपना अभियान समाप्त किया। भारत इस बार गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को एक सिल्वर मेडल दिलाया था। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का सबसे बड़ा पदक साबित हुआ। इसके अलावा 5 कांस्य पदक जीते गए। अब 28 अगस्त से पेरिस पैरालंपिक शुरू होने जा रहा है।

यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

–आईएएनएस

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यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

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यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 मेडल जीतने के साथ अपना अभियान समाप्त किया। भारत इस बार गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को एक सिल्वर मेडल दिलाया था। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का सबसे बड़ा पदक साबित हुआ। इसके अलावा 5 कांस्य पदक जीते गए। अब 28 अगस्त से पेरिस पैरालंपिक शुरू होने जा रहा है।

यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

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यह विडंबना है कि पैरालंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत में फैंस द्वारा इन खेलों को उस गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिस तरह से समर ओलंपिक को लिया जाता है। पैरालंपिक में समर ओलंपिक की तुलना में भारत बहुत शानदार प्रदर्शन करता है।

पेरिस ओलंपिक के बाद समर ओलंपिक में भारत के कुल पदक की संख्या 41 है। भारत ने समर ओलंपिक में 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पैरालंपिक में 1968 में पहली बार भारतीय दल भेजा था। समर ओलंपिक के काफी बाद भारत के लिए पैरालंपिक खेल शुरू हुए थे। इसके बावजूद, भारत ने पैरालंपिक में अब तक 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल समेत 31 पदक जीते हैं।

पेरिस पैरालंपिक के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी। अगर आगामी पैरालंपिक खेलों में भारत 10 पदक हासिल कर लेता है कि तो वह समर ओलंपिक की मेडल टैली तक पहुंच जाएगा। पेरिस पैरालंपिक के बाद समर ओलंपिक के कुल पदक की संख्या का रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद है।

भारत 1984 के बाद से लगातार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में टीम इवेंट कम और व्यक्तिगत इवेंट ज्यादा होते हैं। पैरालंपिक में भारत ने समर गेम्स की तुलना में कहीं अधिक व्यक्तिगत मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे। वहीं, टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल अपने नाम किए। यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

इसके अलावा, भारत ने पैरालंपिक में स्विमिंग, टेबल टेनिस और आर्चरी जैसी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है। समर ओलंपिक में भारत कभी भी इन इवेंट्स में नहीं जीत पाया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के पहले व्यक्तिगत गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा नहीं थे, बल्कि मुरलीकांत पेटकर थे जिन्होंने 1972 के पैरालंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

इस बार पैरालंपिक में भारत के 25 से ज्यादा मेडल जीतने का नारा दिया जा रहा है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 19 पदक की संख्या को देखते हुए इस बार 25 मेडल जीतना अतिशयोक्ति नहीं लगती है। ओलंपिक मेडल पर भारत ने काफी निवेश किया है। पैरालंपिक खेलों में भी और अधिक इन्वेस्ट करके भारत कई मेडल जीत सकता है।

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