नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई जोनल कार्यालय ने 28 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून, 2002 के तहत मुंबई और दिल्ली में चार अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की।
ईडी की यह छापेमारी मेसर्स पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड (पीसीएल) और अन्य के खिलाफ एक सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) के मामले में की गई, जिसमें 50 लाख से अधिक निवेशकों से लगभग 4,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
छापेमारी के दौरान, मुख्य आरोपी दिवंगत सुधीर मोरावेकर, जो मेसर्स पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक थे, उनके परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित विदेशों में स्थित संपत्तियों के बारे में कई दस्तावेज बरामद किए गए। इन संपत्तियों से लीज रेंटल आय प्राप्त हो रही थी। ईडी ने यह जांच उस प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी, जो आर्थिक अपराध शाखा मुंबई द्वारा आईपीसी, 1860 के विभिन्न धाराओं और महाराष्ट्र सुरक्षा हित निवेशक (वित्तीय संस्थान) अधिनियम, 1999 (एमपीआईडी) के तहत मेसर्स पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई थी।
ईडी की जांच में यह सामने आया कि मेसर्स पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड और इसके निदेशकों ने विभिन्न समयावधियों (3 से 9 वर्षों के बीच) की निवेश योजनाओं को लॉन्च किया था, जिसमें होटल छूट, दुर्घटना बीमा और अन्य लाभों के साथ उच्च रिटर्न का वादा किया गया था। इस दौरान, सेबी या भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रचलित मापदंडों की अनदेखी की गई थी।
छापेमारी के दौरान और भी दस्तावेजी साक्ष्य मिले, जो यह दर्शाते हैं कि अवैध रूप से संपत्तियों के विक्रय का प्रयास किया गया था। इसके अलावा, डिजिटल रिकॉर्ड भी बरामद किए गए और जब्त किए गए। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
–आईएएनएस
पीएसके/सीबीटी