पौड़ी गढ़वाल,1 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड वो प्रदेश जिसने पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाया, प्रकृति को बचाने का संदेश दिया। उसी प्रदेश में हर साल वनों में लगने वाली आग से करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो रही है।
कई बार आग प्राकृतिक कारणों से लगती है तो कई बार लोग जानबूझकर जंगलों को आग के हवाले कर देते हैं। पौड़ी में राजस्व पुलिस ने जंगल में आग लगाने के मामले में फायर सीजन का पहला मुकदमा दर्ज किया है। पौड़ी के अंतर्गत पट्टी बाली कंडारस्यूं-द्वितीय के ग्राम ढोरखोली में रहने वाले विनोद सिंह पर जंगल में आग लगाने का आरोप है। 23 फरवरी को राजस्व पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली कि विनोद सिंह ने जंगल के पास आग लगाई। इससे वन संपदा को खतरा पैदा हो सकता है।
राजस्व उप निरीक्षक अरविन्द सिंह ने स्थलीय जांच की। जांच के बाद राजस्व उपनिरीक्षक ने विनोद सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
आपको बता दें कि मौजूदा फायर सीजन में जंगल में आग की घटनाओं को रोकने और प्रबंधन को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जनपद के सभी विकासखंडों में संबंधित खंड विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। नोडल अधिकारियों से कहा गया है कि वो जन जागरुकता के अलावा आग की घटनाओं के मामले में त्वरित सूचना आपदा कंट्रोल रूम को दें। नोडल अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्रों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है। जिले के प्रत्येक न्याय पंचायत में विभिन्न विभागों के कार्मिकों को नोडल अधिकारी बनाकर जंगल में आग लगाने वालों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
उधर गर्मी बढ़ते ही प्रदेश के जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। अल्मोड़ा में गढ़खेत रेंज के जंगलों में आग धधक रही है। धारचूला तहसील के देहात क्षेत्र में भी जंगल में लगी आग से महिला बुरी तरह झुलस गई थी। महिला को इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर करना पड़ा था।
–आईएएनएस
स्मिता/एएनएम