नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी में गैलरी लैटीट्यूड 28 ‘ए बेंड इन द रिवर’ शीर्षक से कलाकार प्रतुल दास की प्रदर्शनी प्रस्तुत करेगी। 28 सितंबर से 7 अक्टूबर तक बीकानेर हाउस में चलने वाली प्रदर्शनी में दर्शकों को वास्तविकता के वैकल्पिक दृष्टिकोण से जुड़ने का मौका मिलेगा।
दास उन डर और कल्पनाओं को लेकर आये हैं जो समकालीन जीवन को गति देते हैं। रोज़मर्रा की जिंदगी और दार्शनिक टिप्पणियों पर उनके विचार इस प्रदर्शनी में प्रतिबिंबित होंगे, जो दर्शकों को एक ऐसी दुनिया में ले जाएंगे जिस पर आप अपनी खुद की व्याख्या कर सकते हैं।
दास ने कहा, “मेरी कला जटिल रूप से भारत के जीवंत ताने-बाने में बुनी गई है, जहां मानवीय कहानियां, सांस्कृतिक धागे और राजनीतिक परिदृश्य एक साथ आते हैं। ऐसी दुनिया में जहां सीमाएं धुंधली हैं और वैश्विक प्रभाव मजबूत हैं, मेरी रचनात्मक अभिव्यक्ति एक कहानी बताती है कि कैसे स्थानीय और सार्वभौमिक विचार एक साथ नृत्य करते हैं। हालांकि मैं बाहरी दबावों से प्रभावित नहीं हूं, मेरी रचनाएं मेरे अपने संदर्भ और वैश्विक दृष्टिकोण के बीच एक जीवंत बातचीत है, जो हमारे समय के नाजुक संतुलन को प्रदर्शित करती है।”
लैटीट्यूड 28 की संस्थापक भावना कक्कड़ कहती हैं, “दास की शैली पूरी तरह से एक नई दिशा में विकसित हुई है, फिर भी कलाकार के विषय और व्यस्तताएं नहीं बदली हैं। एक कलाकार के रूप में, दास खुद को और अपनी विचारधाराओं व्यक्त करने के नए तरीके ढूंढते हैं। दर्शक सोचते रहते हैं कि आगे क्या होने वाला है। यह शो लैंडस्केप, यादें और समकालीन टिप्पणियों से प्रेरित है।”
कलाकार इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी कला सेलुलर संरचना, टोपोग्राफी, मानव शरीर, कुत्तों, मानचित्रों, हड्डियों और हमारे ब्रह्मांड के तत्वों की उनकी अवधारणाओं की विविधता में आगे बढ़ाने का भी तरीका है।
दास ने कहा, “मैं पेंटिंग को एक झरोखे के रूप में देखता हूं जिसके जरिये कोई भी अपने यथार्थवाद के आदर्श को खोज सकता है।”
–आईएएनएस
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