जबलपुर. करीब एक हजार करोड़ की लागत से जबलपुर में बन रहे मध्य प्रदेश के सबसे बड़े 7 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के निर्माण में भारी अनियमितता सामने आने के बाद एक मुख्य अभियंता पर कार्रवाई की गाज गिर चुकी हैं वहीं मामले में जांच शुरु हो गई हैं. निर्माण पूर्ण होने के पहले ही सड़क चटकने लगी है.
फ्लाई ओवर का एक हिस्सा जो महानद्दा से लेकर एलआईसी तक पूर्ण हो चुका है उसमें दरारें पडऩे लगी है, ज्ञात हो कि फ्लाइओवर के इस पहले हिस्से का कार्य पूर्ण होते ही पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान इसका शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किया गया था.
उमंग सिंघार ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं भ्रष्टाचार का खुलासा होने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करते हुए सरकार पर निशाना साधा हंै. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार की नई-नई इबारतें लिखी जा रही है. जबलपुर में 800 करोड़ रूपए की लागत से बने फ्लाईओवर की सड़क टूट रही है. यह मंत्री और सरकार की नाक के नीचे हो रहा भ्रष्टाचार है या पूरा गोलमाल. अधिकारी और ठेकेदार रोज़ नए कारनामे कर रहे हैं, और मंत्री खामोश हैं. एक तरफ़ जहां प्रदेश लाखों करोड़ों के कज़ऱ् की चपेट में हैं वहां भ्रष्टाचार में जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.
दमोह नाका का निर्माण कार्य की गति बहुत धीमी
ज्ञात हो कि जबलपुर में पिछले काफी लंबे समय से फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है. 1000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस फ्लाईओवर का पहला हिस्सा महानद्दा से लेकर एलआईसी तक एक लाइन गई है तो दूसरी लाइन दमोह नाका पर उतरेगी. 4 साल पहले शुरू हुए इस निर्माण कार्य में अब तक महानद्दा से लेकर एलआईसी वाला हिस्सा तो शुरू हो चुका है लेकिन दमोह नाका लाइन का काम अभी तक जारी है.
दमोह नाका में लेटलतीफी
दमोह नाका चौक से गोहलपुर रोड और दमोह रोड पर फ्लाई ओवर के हिस्से का निर्माण बहुत धीमी गति से हो रहा है. निर्माण एजेंसी निर्धारित मापदंड का पालन नहीं कर रही है जिस वजह से कई बार कार्य बाधित हुआ है. लोक निर्माण विभाग की तरफ से नोटिस भी निर्माण एजेंसी को जारी हो चुके है.