लखनऊ, 18 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फलों और सब्जियों की उपज बढ़ाने के लिए एक और बेहतरीन पहल की है। इससे ना केवल सब्जियों और फलों की उपज बढ़ेगी, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी सुधरेगी।
योगी सरकार के इस खास पहल के तहत नोएडा और गाजियाबाद को छोड़कर हर जिले में पौधशालाएं बनाए जाएंगे। प्रदेश सरकार राज्य के दो जिलों को छोड़कर बाकी 73 जिलों में हाईटेक नर्सरी (पौधशाला) बनाएगी। संबंधित जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) के अनुसार फलों और सब्जी की कौन सी प्रजातियां वहां के लिए अनुकूल हैं, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) जिन विश्वविद्यालयों से ये केवीके संबद्ध हैं और उद्यान विभाग मिलकर इसका निर्णय लेंगे।
जानकारी के अनुसार पौधशालाएं मनरेगा की मदद से बनेंगी। अब तक ऐसी 36 पौधशालाएं तैयार हो चुकी हैं। शीघ्र ही 16 और पौधशालाओं पर काम शुरू होगा। इन हाईटेक पौधशालाओं में पौधे को नियंत्रित तापमान और नमी में तैयार किया जाता है, लिहाजा पौधे स्वस्थ होते हैं। ऐसे में इनके रोपण से उपलब्ध सब्जियों और फलों की उपज तो अधिक होती ही है, गुणवत्ता में भी ये बेहतर होती हैं और इनके दाम भी वाजिब मिलते हैं। उत्पाद का सही दाम मिलने से किसानों और बागवानों की आय बढ़ेगी। किसानों और बागवानों के हित में सरकार की जो भी योजनाएं चल रहीं हैं, उनका अंतिम लक्ष्य भी यही है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर ही आधारित है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में फलों और सब्जियों का महत्वपूर्ण स्थान है। वैज्ञानिक स्तर पर यह साबित हो चुका है कि फल और सब्जियां प्रति हेक्टेयर, स्थानीय स्तर पर अधिक रोजगार के मौके उपलब्ध कराती हैं। प्रसंस्करण को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या और अधिक हो जाती है। इनमे विटामिंस और फाइबर प्रचुर मात्रा में मिलते हैं, इसलिए पोषण सुरक्षा में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। इन सबमें इन हाईटेक पौधशालाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
नौ तरह के एग्रो क्लाइमेटिक जोन होने के कारण उत्तर प्रदेश में हर तरह की फलों और सब्जियों की खेती की संभावना है। प्रदेश की कुल भूमि का करीब 77 प्रतिशत खेती योग्य है। खेती योग्य भूमि का करीब 85 फीसदी सिंचित है। सबसे अधिक आबादी के रूप में श्रम शक्ति और बाजार भी उपलब्ध है। इस सबकी वजह से यहां फलों और सब्जियों की खेती की भरपूर संभावना है।
योगी सरकार का कृषि उत्पादों के निर्यात पर भी खासा जोर है। एक्सप्रेसवे का नेटवर्क, जेवर, अयोध्या और कुशीनगर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और प्रयागराज से वाराणसी, पश्चिमी बंगाल के हल्दिया तक का देश का इकलौता जलमार्ग इन संभावनाओं को और बढ़ा देता है। भविष्य में योगी सरकार की योजना इस जलमार्ग का विस्तार अयोध्या तक करने की है। सरकार जिस तरह दादरी, गोरखपुर सहित 13 जिलों में कार्गो हब बनाने की तैयारी कर रही है, उससे इनके निर्यात की संभावना और बढ़ जाएगी।
–आईएएनएस
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