जबलपुर. हाईकोर्ट से हजारों नर्सिंग छात्राओं को राहत मिली है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ ने नर्सिंग कॉलेजों का रिजल्ट घोषित किये जाने के निर्देष मेडिकल यूनिवर्सिटी को जारी किये है. युगलपीठ ने सत्र 2024-25 के लिए नर्सिंग तथा पैरामेडिकल कॉलेज की संबध्दता मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी संपादित करने के निर्देष भी जारी किये है. युगलपीठ ने अयोग्य कॉलेज में पाई गयी अनियमिकयों को नर्सिंग काउंसिल की वेबसाइट में सार्वजनिक करने के आदेश भी जारी किये है. याचिका पर अगली सुनवाई 29 नवम्बर को निर्धारित की गयी है.
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती दी गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेज की जांच करने के निर्देष सीबीआई को दिये थे.
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सत्र 2019-20 एवं 2020-21 के विभिन्न नर्सिंग पाठ्यक्रमों की वार्षिक तथा सेमेस्टर परीक्षाएं हाईकोर्ट के आदेश पर मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा ली गई थी. हाईकोर्ट ने अनुमति नहीं मिलने के कारण परीक्षा रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं किये गये है. युगलपीठ ने इन परीक्षाओं के परिणाम जारी करने की अनुमति मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी प्रदान कर दी है. जिससे हज़ारों छात्र को राहत मिल सकेगी.
याचिकाकर्ता ने मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक्ट के संशोधन को चुनौती देते हुए कहा गया था कि सरकार द्वारा 2024 में एक्ट में संशोधन कर नर्सिंग एवं पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की संबद्धता का नियंत्रण क्षेत्रीय विश्वविद्यालय को सौंप दिया गया. क्षेत्रीय विश्वविद्यालय के पास स्वास्थ्य संबंधी विषयों की विशेषज्ञता नहीं है. देश के दूसरे राज्यों में स्वास्थ्य संबंधी कोर्सों का संचालन हेल्थ यूनिवर्सिटी द्वारा किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए निर्देश दिये हैं कि सत्र 2024-25 की संबद्धता प्रक्रिया मेडिकल यूनिवर्सिटी संपादित करें.
अपात्र कॉलेजों की रिपोर्ट की जाए सार्वजनिक
मध्य प्रदेश के लगभग 700 नर्सिंग कॉलेजों की हाईकोर्ट के निर्देष पर सीबीआई ने जांच की थी. सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट के समक्ष पेश की थी. युगलपीठ ने जांच में अपात्र पाये गये कॉलेजों की सूची तथा उसमें पाई गयी कमियों को नर्सिंग काउंसिल की वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के आदेष जारी किये है.
डीएमई और रजिस्ट्रार के निर्णयों पर हाईकोर्ट ने व्यक्त की नाराजगी
हाईकोर्ट ने अभ्यावेदन संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के निर्णयों पर हैरानी जताई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अनियमितता में लिप्त इंस्पेक्टर को रजिस्ट्रार बनाये जाने को चुनौती हुए आवेदन दायर किया था. युगलपीठ ने ने महाधिवक्ता को दोषी रजिस्ट्रार पर एक्शन लेने के मौखिक रूप से निर्देश देते हुए हिदायत दी है कि याचिका लंबित रहते यदि अधिकारियों द्वारा कोई लापरवाही बरती गई तो इसे गंभीरता से लिया जायेगा .