नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को राजस्थान और 13 फरवरी को कर्नाटक का दौरा करेंगे। पीएम मोदी 12 फरवरी को राजस्थान में 18,100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। इस दौरान वे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन का लोकार्पण भी करेंगे। इस सेक्शन के शुरू हो जाने से दिल्ली से जयपुर का यात्रा समय लगभग पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे का हो जायेगा।
वहीं 13 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक के बेंगलुरु में 14वें एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन करेंगे। एयरो इंडिया 2023 में स्वेदशी उपकरणों/प्रौद्योगिकियों को दशार्या जायेगा तथा विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी की जायेगी । बताया जा रहा है कि ये गतिविधियां प्रधानमंत्री की परिकल्पना मेक इन इंडिया, मेक फॉर दी वल्र्ड के अनुरूप हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए कार्यक्रम के विवरण के अनुसार, प्रधानमंत्री 12 फरवरी को लगभग तीन बजे अपराह्न् दौसा पहुंचेंगे और 18,100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सड़क विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे, जिसके सबसे पहले पूरे हो जाने वाले दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन का लोकार्पण भी करेंगे।
आपको बता दें कि, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन 246 किलोमीटर लंबा है, जिसे 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इस सेक्शन के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर का यात्रा समय पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे रह जायेगा। इस सेक्शन के खुल जाने से पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी शक्ति मिलेगी।
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-होगा, जिसकी कुल लंबाई 1,386 किलोमीटर है। इसके बन जाने से दिल्ली और मुम्बई के बीच की यात्रा दूरी में 12 प्रतिशत की कमी आयेगी और सड़क की लंबाई 1,424 किलोमीटर से कम होकर 1,242 किलोमीटर रह जायेगी। यात्रा के समय में भी 50 प्रतिशत की कमी आयेगी; पहले जहां 24 घंटे लगते थे, वहीं अब 12 घंटे लगेंगे। यह एक्सप्रेस-वे छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा तथा कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे मुख्य शहरों को जोड़ेगा।
एक्सप्रेस-वे 93 पीएम गतिशक्ति आर्थिक संकुलों, 13 बंदरगाहों, आठ प्रमुख हवाई अड्डों और आठ बहुविध लॉजिस्टिक पार्कों को भी सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट, नवी मुम्बई एयरपोर्ट और जेएनपीटी पोर्ट जैसी निर्मित होने वाली ग्रीनफील्ड अधोसंरचनाओं को भी इससे फायदा पहुंचेगा। इस एक्सप्रेस-वे से आसपास के सभी क्षेत्रों की विकास-दिशा पर निर्णायक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अपने कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 247 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे, जिन्हें 5940 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाना है। इन परियोजनाओं में 2000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाला बांदीकुई से जयपुर का 67 किमी लंबा चार लेनों वाला शाखा-मार्ग, लगभग 3775 करोड़ रुपये से विकसित होने वाला कोटपुतली से बाराओदानियो और लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले लालसोट-करोली सेक्शन के दो लेन वाले पक्के किनारे (पेव्ड शोल्डर) शामिल हैं।
पीएम की कर्नाटक यात्रा को लेकर पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री 13 फरवरी को लगभग साढ़े नौ बजे सुबह बेंगलुरु के येलहंका में वायु सेना स्टेशन पर 14वें एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन करेंगे। एयरो इंडिया 2023 की विषयवस्तु रन-वे टू अ बिलियन अपॉरट्यूनिटीज रखी गई है।
प्रधानमंत्री की परिकल्पना ह्यमेक इन इंडिया, मेक फॉर दी वल्र्ड के अनुरूप एयरो इंडिया 2023 में स्वदेशी उपकरणों/प्रौद्योगिकियों को दर्शाया जायेगा तथा विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी की जायेगी। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर प्रधानमंत्री के जोर देने के क्रम में इन गतिविधियों को दशार्या जायेगा, जिनमें डिजाइन तैयार करने में देश की अग्रणी भूमिका, यूएवी सेक्टर, रक्षा क्षेत्र और भावी प्रौद्योगिकियों को पेश करने वाले कार्यक्रम होंगे।
इनके अलावा कार्यक्रम में स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान – तेजस, एचटीटी-40, डॉर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर को भी निर्यात के लिये प्रस्तुत किया जायेगा। कार्यक्रम के जरिये स्वदेशी एमएसएमई और स्टार्ट-अप का एकीकरण भी संभव होगा, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से सम्बंधित है। इसके जरिये विदेशी निवेश सहित सह-विकास और सह-उत्पादन के लिये साझेदारी भी आमंत्रित की जायेगी।
एयरो इंडिया 2023 में 80 से अधिक देश भाग लेंगे। लगभग 30 देशों के मंत्री और वैश्विक व भारतीय ओईएम के 65 सीईओ के भी एयरो इंडिया 2023 में हिस्सा लेने की संभावना है।
एयरो इंडिया 2023 प्रदर्शनी में लगभग 100 विदेशी और 700 भारतीय कंपनियों सहित 800 से अधिक रक्षा कंपनियां भाग लेंगी। प्रदर्शनी में भाग लेने वाली भारतीय कंपनियों में एमएसएमई और स्टार्ट-अप शामिल हैं, जो देश में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की उन्नति, एयरोस्पेस में वृद्धि और रक्षा क्षमताओं को पेश करेंगे। एयरो इंडिया 2023 में प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, सफ्रान, रॉल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लि. भारत फोर्ज लि, एचएएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।
–आईएएनएस
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