नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शेहला राशिद ने बुधवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। शेहला राशिद ने कहा कि पीएम मोदी एक फेयर एडमिनिस्ट्रेटर हैं और वह कोई योजना लाते हैं तो उस योजना का लाभ सबको मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी कभी इसका प्रचार नहीं करते हैं, वह कभी नहीं कहते हैं कि मैंने मुसलमानों के लिए यह कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी दूसरे नेताओं से क्यों अलग हैं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी एक फेयर एडमिनिस्ट्रेटर हैं। अगर वह कोई योजना लाते हैं, चाहे वह आवास योजना हो, मुद्रा योजना हो या फिर कोई अन्य योजना, उसका लाभ सबको मिल रहा है। अगर आप सच्चर कमेटी की रिपोर्ट देखेंगे तो उसमें लिखा हुआ था उस समय पर जवाहर स्कीम होती थी, जिसमें मुस्लिम महिलाओं से भेदभाव होता था। लेकिन, आज पीएम मोदी ने सारी इंटरफेस को डिजिटल कर दिया है। कोई अफसर भेदभाव के लिए बैठा नहीं है। सबको इन योजनाओं का लाभ आसानी से मिलता है, वो भी बिना भेदभाव के।
शेहला राशिद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में जो अलग बात है, वह यह है कि पीएम मोदी कभी इसका प्रचार नहीं करते हैं, वह कभी यह नहीं कहते हैं कि मैंने मुसलमानों के लिए यह कर दिया। जबकि, उन्होंने उनके लिए किया होगा। पीएम मोदी के मुताबिक देश में सिर्फ जातियां हैं, युवा, महिला, किसान, गरीब। वो (पीएम मोदी) उन्हीं का विकास कर रहे हैं, जिन्हें इसकी जरूरत है। लेकिन, वह कभी इस चीज की चर्चा नहीं करते हैं कि हमने मुसलमानों के लिए यह कर दिया। इस शब्द की चर्चा नहीं करते हैं और ना ही वोट की अपेक्षा रखते हैं, ना ही वोट मांगते हैं। वह चाहते हैं कि मुस्लिम समाज अपने कदमों पर खड़ा हो, अपना विकास करें और खुद रिफॉर्म हो। वर्ल्ड हिस्ट्री में देखें तो जितनी भी कम्युनिटी है, जिन्होंने रिफॉर्म किया है यानी क्रिश्चियन, हिंदू, जिन्होंने भी रिफॉर्म किया, उन्होंने तरक्की की। हिंदुओं में छुआछूत, सती प्रथा थी, इसे हिंदुओं ने समाप्त किया। वो मुस्लिम समाज से भी इस रिफॉर्म की मांग करते हैं, आपको कोई गवर्नमेंट कुछ नहीं देगी। आप तरक्की कीजिए, हिंदुस्तान एक आजाद मुल्क है। आप जर्नलिस्ट बनना चाहते हैं, आप जर्नलिस्ट बन सकते हैं। एक्टर बनना चाहते हैं, एक्टर बन सकते हैं। यह सब आपके मेरिट पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां हमें इस धोखे में रख रही हैं कि जब तक उनके परिवार से कोई प्रधानमंत्री पद ना संभाले, तब तक हम (मुस्लिम समाज) प्रोग्रेस नहीं कर सकते हैं। हमने देखा कि सच्चर कमेटी रिपोर्ट जो दिखाती है किस तरह से जो खुद को सेकुलर पार्टी बताती है, उनके रहते हुए किस तरह से मुसलमान सबसे पिछ़डे रह गए। मतलब, एससी, एसटी समाज से भी ज्यादा मुसलमान कई सेक्टर में पीछे रह गए हैं। इसका मतलब ऐसा नहीं है कि कोई गवर्नमेंट आ जाएगी, वह हमारे हालात ठीक कर देगी या यह गवर्नमेंट हमें कुछ देगी। हमें खुद से सब कुछ करना पड़ेगा। खुद से एजुकेशन के लिए प्रयास करना पड़ेगा, खुद से अपने बच्चों के एक्सीलेंस, स्किल, सही एक्स्पोजर देना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यही चाहते हैं। खुद से अपने अंदर रिफॉर्म करें। उन्होंने मुसलमानों को एक मैसेज दिया था, आप इन सबमें मत पड़ो, हमें किसी की हुकूमत गिरानी है, किसकी बनानी है, किसकी हिमायत करनी है। आप अपने आप पर विश्वास रखें कि कितना एजुकेशनली आप आगे बढ़ते हैं। इस चीज का जिक्र मैंने अपनी किताब में भी किया है।
शेहला राशिद ने यह भी कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आ रहा है। आजकल कई सारे ट्रेडिशनल जॉब आ रहे हैं, उनमें कोई स्कोप नहीं बचा है। हमें अपने नौजवानों को वह सारे स्किल देने पड़ेंगे, बहुत सारे एवेन्यूज समझाने और दिखाने पड़ेंगे। जहां पर स्कोप है तो हमें ऐसे सोचना पड़ेगा और हमें भारतीय होने के नाते सोचना होगा कि खुद कैसे आगे बढ़ें और मुल्क को कैसे आगे बढ़ाएं।
आईएएनएस द्वारा पूछने जाने पर कि आप पीएम मोदी की अचानक कैसे मुरीद हो गईं?, इस सवाल के जवाब में शेहला राशिद ने कहा कि इसका एक ही कारण है, जो उन्होंने ‘विकसित भारत’ का सपना दिखाया है, जो वो चाहते हैं कि हम उस पर कम करें। मुझे लगता है कि वह एक बहुत सेकुलर चीज हैं और हमें विकास पर फोकस करना चाहिए। हमारे बहुत सारे दुश्मन हैं, किस तरह से चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश में कितना एंटी इंडिया सेंटीमेंट है। सीरिया में विद्रोहियों की सत्ता आ गई है। कनाडा खालिस्तान सेंटीमेंट होता जा रहा है। यह सब हमारे सोशल डिवीजन को एक्सप्लॉइट करने की कोशिश करेगा। हमारे समाज के अंदर भाषा, कास्ट, क्षेत्र को एक्सप्लॉइट करने की कोशिश करेंगे। हमारे सामने ‘एकजुट’ होने का एक ही रास्ता है। हमें ‘विकसित भारत’ के निर्माण पर अपना फोकस रखना चाहिए।
–आईएएनएस
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