शंभू बॉर्डर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर इस रास्ते पर आवाजाही शुरू कराई जाए।
वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
–आईएएनएस
एसएम/सीबीटी
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शंभू बॉर्डर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर इस रास्ते पर आवाजाही शुरू कराई जाए।
वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
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शंभू बॉर्डर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर इस रास्ते पर आवाजाही शुरू कराई जाए।
वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
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वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
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शंभू बॉर्डर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर इस रास्ते पर आवाजाही शुरू कराई जाए।
वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
–आईएएनएस
एसएम/सीबीटी
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शंभू बॉर्डर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर इस रास्ते पर आवाजाही शुरू कराई जाए।
वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
–आईएएनएस
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शंभू बॉर्डर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर इस रास्ते पर आवाजाही शुरू कराई जाए।
वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।
–आईएएनएस
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शंभू बॉर्डर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर इस रास्ते पर आवाजाही शुरू कराई जाए।
वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि,”किसान अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही कहा था कि, वो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके एमएसपी पर सरकारी गारंटी भी देंगे, लेकिन उन्होंने इसका उलटा किया। साल 2020 में किसानों के लिए तीन काला कानून ला दिया, इसकी वजह से देश के किसानों को आंदोलन करना पड़ा।
किसानों के दबाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कानूनों को वापस तो ले लिया, लेकिन उन्होंने एमएसपी की गारंटी आज तक पूरी नहीं की। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए वो फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस तरह से किसानों को बॉर्डर पर रोका, उससे लोगों के बीच तल्खी पैदा हुई। अब कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को आवाजाही में आसानी होगी, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। हमारा लोकतंत्र भी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की इजाजत देता है।
वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, अगर हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाती है, तो हमारी तरफ से रास्ता बंद नहीं होगा। अब हम अपने वकीलों से कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाएंगे और जानेंगे कि उच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया है।”
बता दें कि, शंभू बॉर्डर पांच महीने से बंद है। किसान अपनी मांगों के लेकर लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कूच करना चाहते थे। इसके बाद किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी। कोर्ट ने अब इसे एक हफ्ते के अंदर हटाने का आदेश दिया है।