टोरंटो, 18 जून (आईएएनएस)। कनाडा भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा गंतव्य है। इनमें ज्यादातर पंजाब से हैं क्योंकि यह देश पंजाबी प्रवासियों का दुनियां में सबसे बड़ा घर है।
वर्तमान में कनाडा में पढ़ रहे लगभग 8,00,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 3,20,000 भारत से हैं। हालांकि कोई सटीक आंकड़े नहीं हैं, लेकिन अनुमान है कि इनमें से करीब 70 प्रतिशत पंजाबी हैं।
इन छात्रों के कनाडा आने का दूसरा कारण यह है कि अध्ययन वीजा उन्हें पांच से छह साल की अवधि में स्थायी निवास (पीआर) के लिए आसान मार्ग प्रदान करता है।
लेकिन किसी और चीज से ज्यादा, यह यहां पढ़ाई के साथ-साथ जल्दी पैसा कमाने का लालच है जो पंजाब से कनाडा के लिए रिकॉर्ड संख्या में छात्रों को आकर्षित कर रहा है।
मिसिसॉगा स्थित एक आव्रजन सलाहकार कहती हैं, चूंकि इनमें से लगभग सभी छात्र केवल अपना पीआर प्राप्त करने के लिए यहां हैं, कई पैसे कमाने के लिए प्रति सप्ताह लंबे समय तक काम करते हैं ताकि पंजाब में उनके माता-पिता उन्हें कनाडा भेजने के लिए लिये गये ऋण का भुगतान कर सकें।
उनका दावा है कि वह उन पंजाबी छात्रों के मामलों से वाकिफ हैं जो सप्ताह भर ग्रेटर टोरंटो एरिया में काम करते हैं और फिर अपने कॉलेजों में जाने के लिए सप्ताहांत में एक साथ मॉन्ट्रियल जाते हैं।
ब्रैम्पटन के एक पंजाबी पत्रकार कहते हैं, ये छात्र कनाडा के व्यवसायों के लिए सस्ते श्रम का स्रोत बन गए हैं। वे न्यूनतम मजदूरी से नीचे काम करने को तैयार हैं क्योंकि वे नकद चाहते हैं। यहां भारतीय छात्रों के भारी प्रवाह ने ब्रैम्पटन जैसे शहरों में एक समानांतर नकदी अर्थव्यवस्था की शुरुआत की है। हर कोई कर भुगतान करने से बचना चाहता है।
एक और कारण है कि कनाडा इन छात्रों के लिए पसंदीदा स्थान है क्योंकि वे उनसे मिलने के नाम पर अपने माता-पिता के लिए भी आसानी से वीजा प्राप्त कर सकते हैं।
एक बार जब उनके माता-पिता विजि़टर वीजा पर कनाडा पहुँच जाते हैं, तो वे भी नकदी के लिए काम करना शुरू कर देते हैं।
ब्रैम्पटन के पत्रकार कहते हैं, मुझे ऐसे कई मामलों की जानकारी है जिनमें छात्र केवल छह महीने से कनाडा में हैं, लेकिन उन्होंने अपने माता-पिता को तुरंत मिलने के लिए आमंत्रित किया। एक बार जब उनके माता-पिता यहां आए, तो अगले ही दिन पिता और मां दोनों नकदी के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने कनाडा में कुछ महीने बिताए और अपने ऋण का भुगतान करने के लिए पर्याप्त नकदी के साथ वापस गए। कनाडाई अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। यही कारण है कि अधिकांश पंजाबी छात्र कनाडा आना चाहते हैं।
कनाडा में प्रवेश करने के लिए पंजाब के कई छात्र स्टडी वीजा रूट का भी उपयोग कर रहे हैं और फिर ट्रकिंग कंपनियों से भारी कीमत पर विदेशी कर्मचारी परमिट खरीदते हैं ताकि वे पूर्णकालिक काम कर सकें और पैसे कमा सकें।
–आईएएनएस
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